Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
15 Jun 2023 · 1 min read

होली पर

होली के रंगों में
प्यार मिल जाने दो
मन-पतंग को
आसमान के पार जाने दो
खुमार को हो खुमार
ऐसा खुमार छाने दो।

होली पर हमजोली
हर गम दूर जाने दो
खुशी में हँसने पर
हो मजबूर जाने दो
ऐसा मौका जो दस्तूर भी रखे
न ऐसे पलों के अ हजूर जाने दो!
प्रिया प्रिंसेस पवाँर
स्वरचित,मौलिक

2 Likes · 93 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
कलियुग के प्रथम चरण का आरंभ देखिये
कलियुग के प्रथम चरण का आरंभ देखिये
सुशील मिश्रा ' क्षितिज राज '
ख्याल नहीं थे उम्दा हमारे, इसलिए हालत ऐसी हुई
ख्याल नहीं थे उम्दा हमारे, इसलिए हालत ऐसी हुई
gurudeenverma198
हिन्दी ग़ज़़लकारों की अंधी रति + रमेशराज
हिन्दी ग़ज़़लकारों की अंधी रति + रमेशराज
कवि रमेशराज
परीक्षाएँ आ गईं........अब समय न बिगाड़ें
परीक्षाएँ आ गईं........अब समय न बिगाड़ें
पंकज कुमार शर्मा 'प्रखर'
"मौन"
Dr. Kishan tandon kranti
जीने दो मुझे अपने वसूलों पर
जीने दो मुझे अपने वसूलों पर
goutam shaw
आपदा से सहमा आदमी
आपदा से सहमा आदमी
सुरेन्द्र शर्मा 'शिव'
गुनाह ना करके भी
गुनाह ना करके भी
Harminder Kaur
तीजनबाई
तीजनबाई
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
*धरती की आभा बढ़ी,, बूँदों से अभिषेक* (कुंडलिया)
*धरती की आभा बढ़ी,, बूँदों से अभिषेक* (कुंडलिया)
Ravi Prakash
!!!! सबसे न्यारा पनियारा !!!!
!!!! सबसे न्यारा पनियारा !!!!
जगदीश लववंशी
थी हवा ख़ुश्क पर नहीं सूखे - संदीप ठाकुर
थी हवा ख़ुश्क पर नहीं सूखे - संदीप ठाकुर
Sandeep Thakur
मुसलसल ईमान रख
मुसलसल ईमान रख
Bodhisatva kastooriya
"कुण्डलिया"
surenderpal vaidya
एक रावण है अशिक्षा का
एक रावण है अशिक्षा का
Seema Verma
माया
माया
Sanjay ' शून्य'
गाँव बदलकर शहर हो रहा
गाँव बदलकर शहर हो रहा
रवि शंकर साह
जमाने को खुद पे
जमाने को खुद पे
A🇨🇭maanush
मेहनत
मेहनत
Dr. Pradeep Kumar Sharma
#अभिनंदन-
#अभिनंदन-
*Author प्रणय प्रभात*
दिव्य ज्योति मुखरित भेल ,ह्रदय जुड़ायल मन हर्षित भेल !पाबि ले
दिव्य ज्योति मुखरित भेल ,ह्रदय जुड़ायल मन हर्षित भेल !पाबि ले
DrLakshman Jha Parimal
तेरा फिक्र
तेरा फिक्र
Basant Bhagawan Roy
कविता: जर्जर विद्यालय भवन की पीड़ा
कविता: जर्जर विद्यालय भवन की पीड़ा
Rajesh Kumar Arjun
जब मैं मर जाऊं तो कफ़न के जगह किताबों में लपेट देना
जब मैं मर जाऊं तो कफ़न के जगह किताबों में लपेट देना
Keshav kishor Kumar
संदेश बिन विधा
संदेश बिन विधा
Mahender Singh
आज बहुत याद करता हूँ ।
आज बहुत याद करता हूँ ।
Nishant prakhar
सूरज आएगा Suraj Aayega
सूरज आएगा Suraj Aayega
Mohan Pandey
आमावश की रात में उड़ते जुगनू का प्रकाश पूर्णिमा की चाँदनी को
आमावश की रात में उड़ते जुगनू का प्रकाश पूर्णिमा की चाँदनी को
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
धरा प्रकृति माता का रूप
धरा प्रकृति माता का रूप
Buddha Prakash
माया का रोग (व्यंग्य)
माया का रोग (व्यंग्य)
नवीन जोशी 'नवल'
Loading...