Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
6 Mar 2023 · 3 min read

होली औऱ ससुराल

शीर्षक-होली और ससुराल –
मस्ती का आलम
ना कोई फेर फिक्र
बस हर होली नई
नवेली।।

ना जाने कितनों की
रंग दी अंगिया चोली
गाल पे मला गुलाल।।

सबका अनुमान बच्चा
अबकी होली फंस गया
बेड़ी में बंध गया।।

छोरी गोरीयां भी करती
इंतज़ार हमे भी निहारे
लगाए रंग गुलाल।।

क्या खूब था मेरा भी
होली के सामाजिक
बाज़ार में भाव।।

हुआ विवाह दोस्तो ने
कहा बेटा अब पाया औकात
अबकी होली में शून्य हुआ
तेरा बाज़ार भाव।।

बात भी सही हालात
भी वही जो होली से
हप्तों महीनों मेरा करते
इन्तज़ार ।।

अब नही करते
याद होली की तो दूर की
बात।।

अब मेरी होली की
मस्ती का बचा एक
ही आस बीबी का
मायका मेरी कथित
ससुराल।।

हज़ारों प्रस्तवित
ससुराल के दिन बीते
हम एक कैदखाने में
सिमटे।।

आनेवाली थी विवाह की
पहली वर्ष गांठ उससे पहले
ही आया मधुमास जगाया
ससुराल की पहली होली
सपना हकीकत का राज।।

पहली होली ससुराल से
आया फरमान बबुआ पहली
होली बा यही मानावे के बा
रंग होली के जमावे के बा।।

हम भी पहुँचगये ससुराल
पहली होली के दामाद
बहुत अच्छी तरह है याद
जली होली और हम हुये
रात ही को हरा पिला लाल।।

कैसो थोड़ी बहुत सोवे के
मिली मोहलत होली की
हुड़दंग की शुरुआत सूरज
की पहली किरण के साथ।।

जो ही आता सिर्फ इतना
ही कहता पहली होली के
दामाद इनके याद दियावो
के ह औकात।।

बीबी की सहेलियां कुछ
लाइसेंस के साथ कुछ
लाइसेंस की खुद करती
तलाश।।

होली की मस्ती
में मदमाती मुझे ही अपने
लाइसेंस का जैसे उम्मीदवार
बनाती।।

हमारी बीबी देखती गुरर्राती
जरा सलीके से रंग लगाओ
जीजा जी शर्मीले है
जैसा समझती नही वैसे है।।

हम भी करते मौके की
तलाश मिलते ही कुंआरे
होली का निकालते भड़ांस
रंग अबीर का बहाना।।

वास्तव में कैद जंजीर शादी
व्याह की सिंमाओ का अतिक्रमण
कर जाना।।

ससुराल में कहती बीबी की
सहेलियां ई त बड़ा है खतनाक
मौका पौते कर देत ह हलाल।।

के कहत रहल बबुआ बहुत
सीधा हॉउवन ई से जलेबी
की तरह कई घाट मोड़ के
घुटाँ हॉउवन।।

ससुराल की पहली होली
में साली सरहज बीबी की
सहेली क पहली होली म
ऐसा दिए सौगात अब
तक नाहीं भुलात।।

अब तनिक सुन हाल
उमर साठ और होली
क हाल ।।

होली के दिन पहुंचे
ससुरारल मिलां बैठे
साला खुदो पैसठ साठ।।

हमारी आदत खराब
सीधे कोशिश करे लाग
पहुंच जाए ससुरारल
क हरम खास।।

बोला गुर्रात रिश्ते का सार
हो गए बुड्ढे नाही शर्म लाज
का बात आदत से नाही
आवत बाज़।।

अंतर बेटवा पतोहि हवन
उनके आइल हॉउवन नात
रिश्तेदार बच्चन के होली
मानावे द मत बन कोढ़ में
खाज।।

देखते नही हम भी ड्राइंग
रूम में बैठे मख्खी मच्छरों
से कर रहे बात होली आई
रे रावण के सिपाही।।

हम त मनई शामिल तोरे
जमात जब देखे साले का
हाल खुद पे तरस आया मन
में आया खयाल उहे हम उहे
ससुरारल।।

होली की उमंग
मस्ती भी खास मगर अब
हम ना रंग उमंग ना गुलाल
हम होली की त्योहारों की
ऑचरिकता के पुराने प्रतीक
चिन्ह मात्र ।।
नन्दलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर गोरखपुर उत्तर प्रदेश।।

Language: Hindi
1 Like · 271 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
View all
You may also like:
तालाश
तालाश
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
तमाम रातें तकतें बीती
तमाम रातें तकतें बीती
Suryakant Dwivedi
हिंदी
हिंदी
Bodhisatva kastooriya
गूंजेगा नारा जय भीम का
गूंजेगा नारा जय भीम का
Shekhar Chandra Mitra
*ट्रस्टीशिप विचार: 1982 में प्रकाशित मेरी पुस्तक*
*ट्रस्टीशिप विचार: 1982 में प्रकाशित मेरी पुस्तक*
Ravi Prakash
3280.*पूर्णिका*
3280.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
भारत की नई तस्वीर
भारत की नई तस्वीर
Dr.Pratibha Prakash
रंगमंच
रंगमंच
Ritu Asooja
जो नि: स्वार्थ है
जो नि: स्वार्थ है
Mahetaru madhukar
हां वो तुम हो...
हां वो तुम हो...
Anand Kumar
दूर कहीं जब मीत पुकारे
दूर कहीं जब मीत पुकारे
Mahesh Tiwari 'Ayan'
एक कोर्ट में देखा मैंने बड़ी हुई थी भीड़,
एक कोर्ट में देखा मैंने बड़ी हुई थी भीड़,
AJAY AMITABH SUMAN
नव्य द्वीप का रहने वाला
नव्य द्वीप का रहने वाला
Dr. Ramesh Kumar Nirmesh
जीवन अनंत की यात्रा है और अनंत में विलीन होना ही हमारी मंजिल
जीवन अनंत की यात्रा है और अनंत में विलीन होना ही हमारी मंजिल
Priyank Upadhyay
रात नहीं आती
रात नहीं आती
Madhuyanka Raj
अरे यार तू जा जहाँ जाना चाहती है जा,
अरे यार तू जा जहाँ जाना चाहती है जा,
Dr. Man Mohan Krishna
🌹🌹 झाॅंसी की वीरांगना
🌹🌹 झाॅंसी की वीरांगना
Pt. Brajesh Kumar Nayak / पं बृजेश कुमार नायक
गीतिका और ग़ज़ल
गीतिका और ग़ज़ल
आचार्य ओम नीरव
मुहब्बत भी मिल जाती
मुहब्बत भी मिल जाती
Buddha Prakash
"तू अगर नहीं होती"
Dr. Kishan tandon kranti
किसी ने कहा- आरे वहां क्या बात है! लड़की हो तो ऐसी, दिल जीत
किसी ने कहा- आरे वहां क्या बात है! लड़की हो तो ऐसी, दिल जीत
जय लगन कुमार हैप्पी
सत्य की खोज
सत्य की खोज
Suman (Aditi Angel 🧚🏻)
रमेशराज की पत्नी विषयक मुक्तछंद कविताएँ
रमेशराज की पत्नी विषयक मुक्तछंद कविताएँ
कवि रमेशराज
हाइकु: गौ बचाओं.!
हाइकु: गौ बचाओं.!
Prabhudayal Raniwal
मौसम है मस्ताना, कह दूं।
मौसम है मस्ताना, कह दूं।
पंकज परिंदा
तुमने सुनना ही कब हमें चाहा,
तुमने सुनना ही कब हमें चाहा,
Dr fauzia Naseem shad
दोहा पंचक. . . . . वर्षा
दोहा पंचक. . . . . वर्षा
sushil sarna
इंसानियत अभी जिंदा है
इंसानियत अभी जिंदा है
Sonam Puneet Dubey
There are instances that people will instantly turn their ba
There are instances that people will instantly turn their ba
पूर्वार्थ
फूल और भी तो बहुत है, महकाने को जिंदगी
फूल और भी तो बहुत है, महकाने को जिंदगी
gurudeenverma198
Loading...