Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
6 Aug 2020 · 1 min read

हैसियत (लघु कथा)

सब्जी चुनते हुए अशोक ने सब्जी वाले की ओर मुखातिब होते हुए कहा यार ऐसा लगता है आपको कहीं देखा है। मंगल ने गौर से देखते हुए हां मुझे भी, कहीं आप अशोक शर्मा तो नहीं, मैं मंगल हूं। दोनों को स्कूल के दिन याद आ गए। अशोक ने मंगल से कहा तुमने पढ़ाई छोड़ दी थी। हां , अशोक भाई मेरे पिताजी नहीं रहे थे पारिवारिक जिम्मेदारियों में काम करना पड़ा, खैर आप क्या कर रहे हो? अशोक ने गर्व से जवाब दिया मेरी फैक्ट्री है, अच्छा काम-धंधा है। मंगल ने खुशी जाहिर करते हुए कहा बहुत अच्छा, शादी की या नहीं? अभी नहीं यार करूंगा तो तुम्हें अवश्य बुलाऊंगा। इसके बाद जब कभी अशोक सब्जी लेने आता मंगल बाजार भाव से कम ही दाम लेता। एक दिन अशोक ने मंगल से कहा शादी है, घर में सब्जी ज्यादा लगेगी सप्लाई कर देना। मंगल बोला क्यों नहीं, आप बता देना काम हो जाएगा। अब यह बताओ शादी कहां से कर रहे हो? कब और कहां आना है? अशोक ने जबाव दिया, शादी तो होटल अशोका में है लेकिन वहां लिमिटेड लोगों को ही बुलाया है, डेकोरम मेंटेन करना पड़ता है यार। तुम तो घर आना, सब्जी भी घर पर ही देना है शादी के बाद फैक्ट्री वर्करों और तुम जैसे मिलने वालों को एक पार्टी रखी है मंगल का सारा उत्साह ठंडा पड़ गया, अपनी हैसियत समझते हुए उसने बधाई दी और समय पर सब्जी सप्लाई का वादा ।

-सुरेश कुमार चतुर्वेदी

Language: Hindi
7 Likes · 6 Comments · 682 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from सुरेश कुमार चतुर्वेदी
View all
You may also like:
“दुमका दर्पण” (संस्मरण -प्राइमेरी स्कूल-1958)
“दुमका दर्पण” (संस्मरण -प्राइमेरी स्कूल-1958)
DrLakshman Jha Parimal
दिन ढले तो ढले
दिन ढले तो ढले
Dr.Pratibha Prakash
कतरनों सा बिखरा हुआ, तन यहां
कतरनों सा बिखरा हुआ, तन यहां
Pramila sultan
"ये जिन्दगी"
Dr. Kishan tandon kranti
मैं शायर भी हूँ,
मैं शायर भी हूँ,
Dr. Man Mohan Krishna
■ उल्टी गंगा गौमुख को...!
■ उल्टी गंगा गौमुख को...!
*Author प्रणय प्रभात*
।।अथ श्री सत्यनारायण कथा चतुर्थ अध्याय।।
।।अथ श्री सत्यनारायण कथा चतुर्थ अध्याय।।
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
प्रकृति एवं मानव
प्रकृति एवं मानव
नन्दलाल सुथार "राही"
बरसों की ज़िंदगी पर
बरसों की ज़िंदगी पर
Dr fauzia Naseem shad
आप और हम
आप और हम
Neeraj Agarwal
तुम्ही बताओ आज सभासद है ये प्रशन महान
तुम्ही बताओ आज सभासद है ये प्रशन महान
सुशील मिश्रा ' क्षितिज राज '
मेरी बेटी है, मेरा वारिस।
मेरी बेटी है, मेरा वारिस।
लक्ष्मी सिंह
डा. तुलसीराम और उनकी आत्मकथाओं को जैसा मैंने समझा / © डा. मुसाफ़िर बैठा
डा. तुलसीराम और उनकी आत्मकथाओं को जैसा मैंने समझा / © डा. मुसाफ़िर बैठा
Dr MusafiR BaithA
रोटियों से भी लड़ी गयी आज़ादी की जंग
रोटियों से भी लड़ी गयी आज़ादी की जंग
कवि रमेशराज
आज का चिंतन
आज का चिंतन
निशांत 'शीलराज'
मैं अक्सर तन्हाई में......बेवफा उसे कह देता हूँ
मैं अक्सर तन्हाई में......बेवफा उसे कह देता हूँ
सिद्धार्थ गोरखपुरी
//सुविचार//
//सुविचार//
विनोद कृष्ण सक्सेना, पटवारी
*ना जाने कब अब उनसे कुर्बत होगी*
*ना जाने कब अब उनसे कुर्बत होगी*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
इस छोर से.....
इस छोर से.....
Shiva Awasthi
मै श्मशान घाट की अग्नि हूँ ,
मै श्मशान घाट की अग्नि हूँ ,
Pooja Singh
मन मुकुर
मन मुकुर
डॉ विजय कुमार कन्नौजे
पात उगेंगे पुनः नये,
पात उगेंगे पुनः नये,
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
गुमाँ हैं हमको हम बंदर से इंसाँ बन चुके हैं पर
गुमाँ हैं हमको हम बंदर से इंसाँ बन चुके हैं पर
Johnny Ahmed 'क़ैस'
*बगिया जोखीराम में श्री राम सत्संग भवन का निर्माण : श्री राजेंद्र जायसवाल जी का
*बगिया जोखीराम में श्री राम सत्संग भवन का निर्माण : श्री राजेंद्र जायसवाल जी का
Ravi Prakash
एकजुट हो प्रयास करें विशेष
एकजुट हो प्रयास करें विशेष
Umesh उमेश शुक्ल Shukla
बाबा केदारनाथ जी
बाबा केदारनाथ जी
Bodhisatva kastooriya
लू, तपिश, स्वेदों का व्यापार करता है
लू, तपिश, स्वेदों का व्यापार करता है
Anil Mishra Prahari
गूढ़ बात~
गूढ़ बात~
दिनेश एल० "जैहिंद"
सपना
सपना
लक्ष्मी वर्मा प्रतीक्षा
सुरक्षा कवच
सुरक्षा कवच
Dr. Pradeep Kumar Sharma
Loading...