देश के खातिर दिया जिन्होंने, अपना बलिदान
विचार
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
Tapish hai tujhe pane ki,
मेरी आंखों ने कुछ कहा होगा
मन मेरा गाँव गाँव न होना मुझे शहर
वो ज़माने चले गए
Artist Sudhir Singh (सुधीरा)
नवसंवत्सर 2080 कि ज्योतिषीय विवेचना
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
मेरी हर आरजू में,तेरी ही ज़ुस्तज़ु है
धन जमा करने की प्रवृत्ति मनुष्य को सदैव असंतुष्ट ही रखता है।
जब-जब सत्ताएँ बनी,
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali