किसी से जबरदस्ती करना भी ठीक नहीं
बिना मशक्कत बहना भी ठीक नहीं
हार मान कर रहना भी ठीक नहीं
माना वक्त ने कमजोर किया पर
यूं सपनों का ढहना भी ठीक नहीं
बस जिस्म तक ही रह जाए चमक
वो दिखावटी गहना भी ठीक नहीं
मुहब्बत खुद इज्जत से चलकर आती है
किसी से जबरदस्ती करना भी ठीक नहीं
हाल- ए- दिल बयां भी किसे करें
सब से सब कहना भी ठीक नहीं।