मेरी हर कविता में सिर्फ तुम्हरा ही जिक्र है,
देह माटी की 'नीलम' श्वासें सभी उधार हैं।
चेहरे के भाव
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
हसरतें
नील पदम् Deepak Kumar Srivastava (दीपक )(Neel Padam)
हर बार धोखे से धोखे के लिये हम तैयार है
*सबके लिए सबके हृदय में, प्रेम का शुभ गान दो【मुक्तक 】*
मुझे वास्तविकता का ज्ञान नही
सोशल मीडिया पर दूसरे के लिए लड़ने वाले एक बार ज़रूर पढ़े…
ठुकरा दिया है 'कल' ने आज मुझको
विचार
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
अभिमान करे काया का , काया काँच समान।
“ कितने तुम अब बौने बनोगे ?”
💐प्रेम कौतुक-541💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
देखिए "औरत चाहना" और "औरत को चाहना"
देश के दुश्मन कहीं भी, साफ़ खुलते ही नहीं हैं
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali