हे भारत माँ
ये जमीं तेरी,येआँसमाँ तेरा,येआबोहवा,प्रकृति व जहाँ भी तेरा,
येजीवन,तन,साँस,लहू और ये धड़कन भी तेरी तेरा तुझको क्या मैं अर्पण करूँ ?
बस वादा है ये………….
जो है तेरा, कुछ नहीं मैं,न मेरा,
देकर तुझको तेरा
हे भारत माता……….
तन,मन,धन,कर्म व धर्म से अपना पूरा हर कर्म करूँ।
तुझ पर यह तन,यह जीवन,हर जनम समर्पण करूँ।
** ” पारुल शर्मा ” **