हे पथ चल नेक जगह ले चल
हे पथ चल नेक जगह ले चल,
अच्छे बुरे का ज्ञान नहीं मुझको राह बताता चल,
हे पथ चल नेक जगह ले चल
अच्छे बुरे लोग दोनों ही, तेरे ऊपर चलते हैं
तेरे ऊपर चल कर दोनों, अच्छे बुरे मैं ढलते हैं
तुम जानते हो पद चापों को, उनके पुण्य और पापों को
खुशहाल जिंदगी बालों को, दुखियारे के संतापों को
तेरे ऊपर से हम जाते मंदिर, और मदिरालय में
तेरे ऊपर से ही जाते, मानवता के घर और दानवता के द्वारे में
इसीलिए जहां मानवता हो, चल द्वार उसी के चल
हे पथ चल नेक जगह ले चल