Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
6 Feb 2024 · 1 min read

प्रकृति के स्वरूप

वायु ,
अनल ,
भूमि,
बहुतर,
गगन,
बादल – दल वर्षा कारक,
जीवित को,
मिलता ,
जीवन का अमृत जल,
सब प्रकृति के रूप हैं।।

इन्ही से ,
इन्हीं तक ही सीमित है,
जीवन मानव का।
यहीं प्रारंभ ,
मध्य जीवन,
अन्त सभी का।।

ये ही प्राण – श्वसन्,
पाक – दहन ,
वास – निवास और
चलती काया के बल हैं,
सब प्रकृति के रूप हैं।।

वायु का प्रबल वेग,
बनता है प्रकृतिवश,
झंझावात ,
भय – जंजाल,
जकड़ता है अन्तस् को,
जो,
सब प्रकृति के रूप हैं।।

दावानल ,
भस्मसात् करता है,
समस्त,
वन – वन्य को,
विनाशरूपी उसकी,
है जिह्वा – आस्वाद,
त्रास, त्राहि भाव ,
सब प्रकृति के रूप हैं।।

भूमि में कम्पन से ,
भर्भरा जाती हैं,
इमारते,
आलीशान ,
उनका भी,
मिट जाता है,
नामोनिशान,
जिससे,
सब प्रकृति के रूप हैं।।

जल – साक्षात् जीवन ,
साक्षात् प्रलय,
नमी,
ऊर्जा भंडार,
असीमित ,
अगणित जीवन का ,
आधार,
पुरातन से चिर काल तलक,
सब प्रकृति के रूप हैं।

पर,
ज्वार – भाटा,
सुनामी वेग,
मुसलाधार वर्षा ,
डूबते खेत,
फसल कर विफल ,
जल होकर भी जलते कल,
सब प्रकृति के बल,
उसके स्वरूप हैं।।

हर्ष – हास,
आनंदित,
रति – सन्तुष्ट,
विलास – रास,
उत्साह – व्यग्र,
त्वरित प्रयास।।

करुणा – शोक,
बिछोह,
भय – सशोक,
निराशा उपभोग,
रौद्र – दृष्टिक्षेप,
उग्रता घोर।।

बीभत्स – लेप,
जुगुप्सित दिशा,
शान्त – मौन,
मनन के,
नव रस भी सब प्रकृति के रूप हैं।।
##समाप्त

1 Like · 77 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
प्रेम पथ का एक रोड़ा✍️✍️
प्रेम पथ का एक रोड़ा✍️✍️
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
*देना इतना आसान नहीं है*
*देना इतना आसान नहीं है*
Seema Verma
कदम छोटे हो या बड़े रुकना नहीं चाहिए क्योंकि मंजिल पाने के ल
कदम छोटे हो या बड़े रुकना नहीं चाहिए क्योंकि मंजिल पाने के ल
Swati
रण
रण
सुशील मिश्रा ' क्षितिज राज '
बावजूद टिमकती रोशनी, यूं ही नहीं अंधेरा करते हैं।
बावजूद टिमकती रोशनी, यूं ही नहीं अंधेरा करते हैं।
ओसमणी साहू 'ओश'
बच्चे
बच्चे
Dr. Pradeep Kumar Sharma
■ आत्मा झूठ नहीं बोलती ना! बस इसीलिए।।
■ आत्मा झूठ नहीं बोलती ना! बस इसीलिए।।
*Author प्रणय प्रभात*
*फागुन महीने का मधुर, उपहार है होली (मुक्तक)*
*फागुन महीने का मधुर, उपहार है होली (मुक्तक)*
Ravi Prakash
शिकायत नही तू शुक्रिया कर
शिकायत नही तू शुक्रिया कर
Surya Barman
श्री राम अर्चन महायज्ञ
श्री राम अर्चन महायज्ञ
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
Job can change your vegetables.
Job can change your vegetables.
सिद्धार्थ गोरखपुरी
जुनून
जुनून
DR ARUN KUMAR SHASTRI
कसौटियों पर कसा गया व्यक्तित्व संपूर्ण होता है।
कसौटियों पर कसा गया व्यक्तित्व संपूर्ण होता है।
Neelam Sharma
🥀 *गुरु चरणों की धूल*🥀
🥀 *गुरु चरणों की धूल*🥀
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी झाँसी
🚩पिता
🚩पिता
Pt. Brajesh Kumar Nayak
गुलाब के काॅंटे
गुलाब के काॅंटे
हिमांशु बडोनी (दयानिधि)
"शीशा और रिश्ता बड़े ही नाजुक होते हैं
शेखर सिंह
जीवन में कोई भी फैसला लें
जीवन में कोई भी फैसला लें
Dr fauzia Naseem shad
I am Cinderella
I am Cinderella
Kavita Chouhan
"जीना-मरना"
Dr. Kishan tandon kranti
गजल सगीर
गजल सगीर
डॉ सगीर अहमद सिद्दीकी Dr SAGHEER AHMAD
जय भवानी, जय शिवाजी!
जय भवानी, जय शिवाजी!
Kanchan Alok Malu
शायरी - ग़ज़ल - संदीप ठाकुर
शायरी - ग़ज़ल - संदीप ठाकुर
Sandeep Thakur
♤⛳मातृभाषा हिन्दी हो⛳♤
♤⛳मातृभाषा हिन्दी हो⛳♤
SPK Sachin Lodhi
जीवन दर्शन मेरी नजर से ...
जीवन दर्शन मेरी नजर से ...
Satya Prakash Sharma
हाँ, मैं तुमसे ----------- मगर ---------
हाँ, मैं तुमसे ----------- मगर ---------
gurudeenverma198
चौथापन
चौथापन
Sanjay ' शून्य'
हालातों से हारकर दर्द को लब्ज़ो की जुबां दी हैं मैंने।
हालातों से हारकर दर्द को लब्ज़ो की जुबां दी हैं मैंने।
अजहर अली (An Explorer of Life)
श्याम-राधा घनाक्षरी
श्याम-राधा घनाक्षरी
Suryakant Dwivedi
चल बन्दे.....
चल बन्दे.....
Srishty Bansal
Loading...