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25 Feb 2023 · 1 min read

“जीना-मरना”

“जीना-मरना”
जीना, जीना, जीना
मगर पता नहीं
मरना सीखने के पहले
कितने लोग सही अर्थ में
जिन्दगी जी पाते हैं,
मरकर भी जो
दुनिया में अमर हो जाते हैं।
– डॉ. किशन टण्डन क्रान्ति

6 Likes · 2 Comments · 534 Views
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