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15 Jun 2023 · 1 min read

हीरक जयंती 

आजादी का अमृत उत्सव

सभी दिशाओं में है कलरव

गरिमा प्रज्ञा अस्मिता

संवैधानिक दिव्यता ,

भारत है इक सभ्यता,

संस्कृति के संग रचा बसा ,

लोकतंत्र अभिमान हमारा।

लोकतंत्र सम्मान हमारा।

राजा हरिशचंद्र, विक्रमादित्य

पृथ्वीराज , शिवाजी,

भगतसिंह, सुभाष,

इनके सदगुणों की

आभा से चमक उठा

आकाश ।

हंस हंस फाँसी पर झूले थे ।

वो अपना जीवन भूले थे ।

रानी लक्ष्मीबाई का उद्भव,

अंग्रेजों की हार हुई संभव,

आजादी के परवानों का वैभव,

तन से मन से धन से बोले ,

देश प्रेम का भाव संजोले ,

आजादी की रक्षा करने,

हम पहने वासंती चोले।

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