“हासिल कर दिखाऊंगा”
इन्तजार तो कर लिया
अब उम्मीद रखना व्यर्थ है
मंजिल के लिए मेहनत संग
नसीब का भी अर्थ है
पर लक्ष्य हासिल करने को
जमाने से लड़ जाऊंगा,
चाहे कुछ भी हो एक दिन
मैं हासिल कर दिखाऊंगा।
डॉ. किशन टण्डन क्रान्ति
साहित्य वाचस्पति
इन्तजार तो कर लिया
अब उम्मीद रखना व्यर्थ है
मंजिल के लिए मेहनत संग
नसीब का भी अर्थ है
पर लक्ष्य हासिल करने को
जमाने से लड़ जाऊंगा,
चाहे कुछ भी हो एक दिन
मैं हासिल कर दिखाऊंगा।
डॉ. किशन टण्डन क्रान्ति
साहित्य वाचस्पति