हाल जैसा भी हो
हाल जैसा भी हो
अच्छा है बोलना पड़ता है I
दिल में दर्द छुपाकर
बाहर से खुश होना पड़ता है I
कभी थक भी जाते है
ज़िन्दगी से लड़ते लड़ते
कभी ज़िन्दगी जैसा होना पड़ता है I
“अलग” यहाँ सबकी राहें
आसान कहाँ होती है I
अपनी मंजिल के लिए
मिट्टी से मिट्टी भी होना पड़ता है I