Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
24 Mar 2021 · 1 min read

हालात मुश्किलों के हैं

ये जो हालात मुश्किलों के हैं
यही तो सुबूत मंजिलों के हैं

मेरी तन्हाई तो गुमनाम सी है
चर्चे तो तुम्हारी महफिलों के है

यही तो बुलंदी तक ले जाएंगे
ये जो पंख तुम्हारे हौंसलों के है

एक तरफ कुआं एक तरफ खाई
ये पल अब मुश्किल फैसलों के है

दोस्त बनकर वो दगा देंगे मुझे
कुछ ऐसे मंसूबे मेरे क़ातिलों के है

3 Likes · 311 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
Thought
Thought
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
पथ पर आगे
पथ पर आगे
surenderpal vaidya
फिसल गए खिलौने
फिसल गए खिलौने
नील पदम् Deepak Kumar Srivastava (दीपक )(Neel Padam)
ग़ज़ल सगीर
ग़ज़ल सगीर
डॉ सगीर अहमद सिद्दीकी Dr SAGHEER AHMAD
निगाहें
निगाहें
Sunanda Chaudhary
"प्रेम"
शेखर सिंह
ग़र हो इजाजत
ग़र हो इजाजत
हिमांशु Kulshrestha
फ़ितरत
फ़ितरत
Kavita Chouhan
बेदर्दी मौसम दर्द क्या जाने ?
बेदर्दी मौसम दर्द क्या जाने ?
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
कुत्तों की बारात (हास्य व्यंग)
कुत्तों की बारात (हास्य व्यंग)
Ram Krishan Rastogi
शीर्षक : पायजामा (लघुकथा)
शीर्षक : पायजामा (लघुकथा)
Dinesh Yadav (दिनेश यादव)
दर्दे दिल…….!
दर्दे दिल…….!
Awadhesh Kumar Singh
मुदा एहि
मुदा एहि "डिजिटल मित्रक सैन्य संगठन" मे दीप ल क' ताकब तथापि
DrLakshman Jha Parimal
प्यार के पंछी
प्यार के पंछी
Neeraj Agarwal
"चारपाई"
Dr. Kishan tandon kranti
बाल कविता: मछली
बाल कविता: मछली
Rajesh Kumar Arjun
राजनीति
राजनीति
Dr. Pradeep Kumar Sharma
*इश्क़ न हो किसी को*
*इश्क़ न हो किसी को*
सुरेन्द्र शर्मा 'शिव'
दूरियां ये जन्मों की, क्षण में पलकें मिटातीं है।
दूरियां ये जन्मों की, क्षण में पलकें मिटातीं है।
Manisha Manjari
#जयंती_पर्व
#जयंती_पर्व
*Author प्रणय प्रभात*
"राहे-मुहब्बत" ग़ज़ल
Dr. Asha Kumar Rastogi M.D.(Medicine),DTCD
मंगल मय हो यह वसुंधरा
मंगल मय हो यह वसुंधरा
Umesh उमेश शुक्ल Shukla
बाजार में जरूर रहते हैं साहब,
बाजार में जरूर रहते हैं साहब,
Sanjay ' शून्य'
दीप आशा के जलें
दीप आशा के जलें
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
अपना प्यारा जालोर जिला
अपना प्यारा जालोर जिला
Shankar N aanjna
विकास की जिस सीढ़ी पर
विकास की जिस सीढ़ी पर
Bhupendra Rawat
*नहीं चाहता जन्म मरण का, फिर इस जग में फेरा 【भक्ति-गीत】*
*नहीं चाहता जन्म मरण का, फिर इस जग में फेरा 【भक्ति-गीत】*
Ravi Prakash
युग बीते और आज भी ,
युग बीते और आज भी ,
ओनिका सेतिया 'अनु '
हजारों के बीच भी हम तन्हा हो जाते हैं,
हजारों के बीच भी हम तन्हा हो जाते हैं,
लक्ष्मी वर्मा प्रतीक्षा
फितरत या स्वभाव
फितरत या स्वभाव
विजय कुमार अग्रवाल
Loading...