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15 Jul 2023 · 1 min read

फ़ितरत

हर जन की बहु जरूरत
मालिक परखता नियत
सत्कर्म से मिले बरकत
कौन जानता फितरत।

बुरे समय हो पहचान
राह न ये आसान
वक्त की प्रतिपल करवट
कौन जानता फितरत

अच्छा,बुरा,भला विचार
क्षण बदले व्यवहार
रब देता मोहलत
कौन जानता फितरत

प्रेम,करुणा,लय, राहत
इक तरफ तब दौलत
दे जाते नसीहत
कौन जानता फितरत

“कविता चौहान”
स्वरचित एवं मौलिक

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