“हार और जीत”
“हार और जीत”
जीवन में हार मान लेना कोई विकल्प नहीं है। जब तक व्यक्ति हार नहीं मानता, तब तक वह जीत का प्रबल दावेदार होता है।
“हार और जीत”
जीवन में हार मान लेना कोई विकल्प नहीं है। जब तक व्यक्ति हार नहीं मानता, तब तक वह जीत का प्रबल दावेदार होता है।