हसीनाओं से कभी भूलकर भी दिल मत लगाना
इन हसीनाओं से तुम कभी,भूलकर भी दिल मत लगाना।
कर देगी तुमको बर्बाद, इनको दिल में कभी मत बसाना।।
इन हसीनाओं से तुम कभी——————।।
दौलत पे है इनकी नजर, होता है झूठा इनका प्यार।
होती नहीं ये किसी से वफ़ा, नहीं करना इनका एतबार।।
कर देगी तुमको बदनाम, प्यार इनसे कभी मत करना।
इन हसीनाओं से तुम कभी—————–।।
दीवाना अपना बनाने को ये, रहती है जुल्फें फैलाकर।
किसी का शिकार करने को, चलती है आँचल उड़ाकर।।
आबाद इनसे नहीं होंगे तुम,हाथ इनसे कभी मत मिलाना।
इन हसीनाओं से तुम कभी—————-।।
मंझधार में छोड़ चल देगी, थाम लेगी और का हाथ।
इनको है बस मौज करना, निभायेगी नहीं सच्चा साथ।।
जीवनभर बहाओगे आँसू ,इनपे खुशी कभी मत लुटाना।
इन हसीनाओं से तुम कभी——————।।
शिक्षक एवं साहित्यकार
गुरुदीन वर्मा उर्फ जी.आज़ाद
तहसील एवं जिला- बारां(राजस्थान)