Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
30 Jun 2020 · 2 min read

हर स्टूडेंट की दर्द भरी कहानी गुप्तरत्न की जुबानी ॥

बाल-दिवस
“गुप्तरत्न ” “भावनाओं के समंदर मैं ”

पुरे साल मैंने क्या किया,
कभी बाजू मैं बैठी लड़की को देखा,
कभी क्लास बंक किया ।

जब होता था revision मेरी होती थी अक्सर तबियत ख़राब,
लगती थी प्यास आती थी वाशरूम की याद,
जब समझती थी टीचर चेप्टर हमने भी खूब उड़ाए पीछे बैठकर कागज़ के हेलीकाप्टर ॥

फ़िक्र किसने की कभी एग्जाम की
पर खबर थी बराबर फेसबुक व्हाट्सप्प और इंस्टाग्राम की ।

खूब समय बिताया हमने टीचर्स को कॉपी करने मैं,
दोस्तों के खेल में ,हंसी और कभी झगड़ने में ॥

पर वक़्त ने भी गज़ब सितम ढाया ,
बीत गया साल अब फ़ाइनल एग्जाम का वक़्त आया ॥
न अब कोई सहारा न कोई अपना नज़र आया ,
जबb सामने question पेपर मैडम ने थमाया ॥

हमने भी कर लिए हालातो से समझौता ,
बस हल किये प्र्शन दो या एकलौता ॥

अब आयी रिजल्ट की बारी ,
पड़ गयी साल भर की करतुते भारी।

मैडम ने भी दिए भर भर के जीरो ,
असलियत सामने आ गई, बनते थे क्लास में बहुत हीरो ॥

अब आया वो दिन भी अलबेला,
जब लगना था टीचर्स और पेरेंट्स का मेला ॥

दोनों मिले खूब बातें हुई हमारी ,
अब थी बस घर चलने की तैयारी ॥

पहुंचे हम भी घर सर झुकाएं हुए ,
वैसे भी वक़्त काफी बीता थे जुटे चप्पल और गाली खाये हुए ॥

क्या हुई उस दिन घर में बमबारी ,
हम तो बन गए हिरोशिमा ,नागासाकी काम न आयी कोई दोस्ती यारी ॥

हमने भी पकडे अपने कान,
प्रण लिया पढ़ेंगे अब लगाकर जी जान ॥

पर कमबख्त आदत से थे हम मज़बूर
फिर एक महीने बाद दोस्तों और सोशल मीडिया ने कर दिया हमने पढाई से दूर ॥

बस अब और न रुलायेंगे लिखकर आगे की कहानी ,
हर स्टूडेंट की दर्द भरी कहानी गुप्तरत्न की जुबानी ॥
Posted by guptratn at 01:01 No comments:

Language: Hindi
4 Likes · 2 Comments · 967 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from गुप्तरत्न
View all
You may also like:
*
*"ओ पथिक"*
Shashi kala vyas
विनती
विनती
कविता झा ‘गीत’
"Looking up at the stars, I know quite well
पूर्वार्थ
प्रयास
प्रयास
Dr fauzia Naseem shad
तारीफ किसकी करूं
तारीफ किसकी करूं
कवि दीपक बवेजा
जालोर के वीर वीरमदेव
जालोर के वीर वीरमदेव
Shankar N aanjna
गांधी जी के नाम पर
गांधी जी के नाम पर
Dr. Pradeep Kumar Sharma
बहुत बार
बहुत बार
Shweta Soni
मत गमों से डर तू इनका साथ कर।
मत गमों से डर तू इनका साथ कर।
सत्य कुमार प्रेमी
वफा से वफादारो को पहचानो
वफा से वफादारो को पहचानो
goutam shaw
अब तो उठ जाओ, जगाने वाले आए हैं।
अब तो उठ जाओ, जगाने वाले आए हैं।
नेताम आर सी
"सदियों का सन्ताप"
Dr. Kishan tandon kranti
विश्व जनसंख्या दिवस
विश्व जनसंख्या दिवस
Bodhisatva kastooriya
हालातों से हारकर दर्द को लब्ज़ो की जुबां दी हैं मैंने।
हालातों से हारकर दर्द को लब्ज़ो की जुबां दी हैं मैंने।
अजहर अली (An Explorer of Life)
श्री रमेश जैन द्वारा
श्री रमेश जैन द्वारा "कहते रवि कविराय" कुंडलिया संग्रह की सराहना : मेरा सौभाग्य
Ravi Prakash
सफर कितना है लंबा
सफर कितना है लंबा
Atul "Krishn"
నమో నమో నారసింహ
నమో నమో నారసింహ
डॉ गुंडाल विजय कुमार 'विजय'
सबको सिर्फ़ चमकना है अंधेरा किसी को नहीं चाहिए।
सबको सिर्फ़ चमकना है अंधेरा किसी को नहीं चाहिए।
Harsh Nagar
15)”शिक्षक”
15)”शिक्षक”
Sapna Arora
Don't Give Up..
Don't Give Up..
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
माना जीवन लघु बहुत,
माना जीवन लघु बहुत,
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
1 *मेरे दिल की जुबां, मेरी कलम से*
1 *मेरे दिल की जुबां, मेरी कलम से*
Dr Shweta sood
बुढ़ापा
बुढ़ापा
Shyamsingh Lodhi Rajput (Tejpuriya)
ना ढूंढ मोहब्बत बाजारो मे,
ना ढूंढ मोहब्बत बाजारो मे,
शेखर सिंह
💐प्रेम कौतुक-533💐
💐प्रेम कौतुक-533💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
🙅ताज़ा सुझाव🙅
🙅ताज़ा सुझाव🙅
*Author प्रणय प्रभात*
2443.पूर्णिका
2443.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
किसी महिला का बार बार आपको देखकर मुस्कुराने के तीन कारण हो स
किसी महिला का बार बार आपको देखकर मुस्कुराने के तीन कारण हो स
Rj Anand Prajapati
चरचा गरम बा
चरचा गरम बा
Shekhar Chandra Mitra
पर्यावरण और प्रकृति
पर्यावरण और प्रकृति
Dhriti Mishra
Loading...