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21 Apr 2022 · 1 min read

हम सच बोलकर भी झूठे हो गए

हम सच बोलकर भी अब झूठे हो गए,
वे झूठ बोलकर भी अब सच्चे हो गए।

गलती इतनी, सच को सच कह दिया,
इसी बात पर वे मुझसे नाराज़ हो गए।

हम वफ़ा करके भी, वे बेवफा हो गए,
वे बेवफा होकर भी, वफादार हो गए।

ढाए उन्होंने कितने जुल्म सितम मुझ पर,
सहते रहे ये सोचकर ये जुल्म पूरे हो गए।

पाले थे बहुत अरमान,कोई पूरा न हुआ,
दिल में बचे अरमान,सब खाक हो गए।

जिंदगी में अब क्या बचा,जो उसे गुनगुनाए,
जब वे तलाक लेकर मुझसे अलग हो गए।।

आर के रस्तोगी गुरुग्राम

3 Likes · 5 Comments · 180 Views
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