हम लिखते हैं
लिखने का वरदान मिला
हमको अभयदान मिला
इसलिए हम लिखते हैं।
दुनिया की हलचल में
मन के विचलन में
कुछ नर्म अहसासों को
इंसानी जज्बातों को
किसी के इकरार से
किसी के इनकार से
कुछ-कुछ सीखते हैं
इसलिए हम लिखते हैं।
डॉ. किशन टण्डन क्रान्ति
साहित्य वाचस्पति
भारत भूषण सम्मान प्राप्त।