*हम किसी से कम नहीं*
हम किसी से कम नहीं, जवाब देना जानते हैं।
दिल की गहराइयों को, हम समझना जानते हैं।
आप ठहरे फिरंगी, तुम क्या जानो हमारी।
तकदीरों की लकीरों को हम बदलना जानते हैं।।१।।
जन्म लिया है तो, कुछ करके दिखाना है।
खोज चुके लक्ष्य अभी, बाकी पाना हैं।
दुश्मन कहीं भी छिपे हैं, ढूंढ ही लेंगे।
दुश्मनों का विनाश ही, अंतिम निशाना है।।२।।
कंधे से कंधा मिलाकर, अब करेंगे काम।
एक होंगे जब हम, तभी मिलेगा ईनाम।
इसी तरह से हो पाएगी, मुल्क की रक्षा।
बदनाम नहीं होने देंगे, देश का नाम।।३।।
विदुषी वीरांगनाओं ने, दुश्मन को ललकारा।
विद्वान वीर कहते, कर लो हमसे किनारा।
जो हमसे टक्कर ले, इतना अभी दम नहीं।
इतना अभी दम नहीं, हम किसी से कम नहीं।।४।।
गैर मुल्कों की मक्कारियां, हम कब तक भुलाएंगे।
एक दिन तो इसका जवाब, देकर दिखाएंगे।
अरे मान जाओ, वक्त अभी भी है बाकी।
नहीं तो चीरकर सीना, हम गुजर जाएंगे।।५।।
एक बार नहीं, इस देश को सौ बार सलाम है।
जहां हिंदू मुस्लिम सिख, और ईसाई समान है।
जन्मा है दुष्यन्त कुमार, जिस सर जमीं पर।
जो बुराई का जवाब अच्छाई से दे, वही हिंदुस्तान है।।६।।