Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
19 Aug 2022 · 1 min read

हमरा अप्पन निज धाम चाही…

हमरा अप्पन निज धाम चाही…
~~°~~°~~°
हमरा अप्पन निज धाम चाही ,
हमरा अप्पन निज गाम चाही ,
जनकसुता केऽ ई पुण्यभूमि में ,
एतऽ हमरा अपन पहचान चाही।

हमरा अप्पन निज धाम चाही ,
मिथिला के अप्पन सुराज चाही…

निमि पुत्र मिथि राज बनौलक ,
राजा जनक मिथिला के सजौलक ,
विदेह तिरभूक्ति अंग प्रदेश संग छल ,
ग्रंथ प्राचीन देखु,कोना मिथिला बनल छल ,
हमरा ओहि पुरातन साम्राज्य चाही ,
मिथिला मैथिल छी,अप्पन राज चाही।

हमरा अप्पन निज धाम चाही,
मिथिला के अप्पन सुराज चाही..

गौरवमयी इतिहास एकर छल ,
विद्यापति सनि कविराज एतऽ छल ,
अयाची केऽ पुण्य सऽ धरा स्वर्ग छल ,
आब हमरा ओ अप्पन स्वाभिमान चाही ।

हमरा अप्पन निज धाम चाही,
मिथिला के अप्पन सुराज चाही…

समृद्ध विरासत खेत खलिहान छोड़ायल ,
चूड़ी-लहठी उद्योग,सीकी कला हेरायल ,
पान मखान संगहि पोखरि सभ सुखायल ,
हमरा आओर नहीं अप्पन अपमान चाही।

हमरा अप्पन निज धाम चाही,
मिथिला के अप्पन सुराज चाही…

अप्पन संस्कृति आओर कला सब छूटल ,
जटा-जटिन,बटगमिनी झिझिया रुठल ,
गोसावनि गीत,पराति केऽ परंपरा छूटल ,
आब याचना नहिं हमर अधिकार चाही।

हमरा अप्पन निज धाम चाही,
मिथिला के अप्पन सुराज चाही…

मौलिक एवं स्वरचित
सर्वाधिकार सुरक्षित
© ® मनोज कुमार कर्ण
कटिहार ( बिहार )
तिथि – १९ /०८/२०२२
भाद्रपद, कृष्ण पक्ष ,अष्टमी ,शुक्रवार ।
विक्रम संवत २०७९
मोबाइल न. – 8757227201
ई-मेल – mk65ktr@gmail.com

3 Likes · 2 Comments · 786 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from मनोज कर्ण
View all
You may also like:
*Lesser expectations*
*Lesser expectations*
Poonam Matia
ग़ज़ल
ग़ज़ल
Mahendra Narayan
आँखों में अब बस तस्वीरें मुस्कुराये।
आँखों में अब बस तस्वीरें मुस्कुराये।
Manisha Manjari
सदैव मेहनत करके ही आगे बढ़ें,
सदैव मेहनत करके ही आगे बढ़ें,
Ajit Kumar "Karn"
करे मतदान
करे मतदान
Pratibha Pandey
'अहसास' आज कहते हैं
'अहसास' आज कहते हैं
Meera Thakur
कभी भी आपका मूल्यांकन किताब से नही बल्कि महज एक प्रश्नपत्र स
कभी भी आपका मूल्यांकन किताब से नही बल्कि महज एक प्रश्नपत्र स
Rj Anand Prajapati
गिरगिट रंग बदलने लगे हैं
गिरगिट रंग बदलने लगे हैं
सुरेन्द्र शर्मा 'शिव'
4843.*पूर्णिका*
4843.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
दोहे
दोहे
अनिल कुमार निश्छल
*अफसर की बाधा दूर हो गई (लघु कथा)*
*अफसर की बाधा दूर हो गई (लघु कथा)*
Ravi Prakash
दिल के रिश्ते
दिल के रिश्ते
Surinder blackpen
सुप्रभात
सुप्रभात
*प्रणय*
क्योंकि वह एक सिर्फ सपना था
क्योंकि वह एक सिर्फ सपना था
gurudeenverma198
" निकम्मे "
Dr. Kishan tandon kranti
कौन किसी को बेवजह ,
कौन किसी को बेवजह ,
sushil sarna
दिखता नहीं कहीं भी गांधी, ये कैसी लाचारी है?
दिखता नहीं कहीं भी गांधी, ये कैसी लाचारी है?
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
कितना दर्द सिमट कर।
कितना दर्द सिमट कर।
Taj Mohammad
दुःख में स्वयं की एक अंगुली
दुःख में स्वयं की एक अंगुली
Ranjeet kumar patre
कल जिंदगी से बात की।
कल जिंदगी से बात की।
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
किसी के इश्क में ये जिंदगी बेकार जाएगी।
किसी के इश्क में ये जिंदगी बेकार जाएगी।
सत्य कुमार प्रेमी
माँ सरस्वती अन्तर्मन मन में..
माँ सरस्वती अन्तर्मन मन में..
Vijay kumar Pandey
“दो बूँद बारिश की”
“दो बूँद बारिश की”
DrLakshman Jha Parimal
चल‌ मनवा चलें....!!!
चल‌ मनवा चलें....!!!
Kanchan Khanna
Ultimately the end makes the endless world ....endless till
Ultimately the end makes the endless world ....endless till
सिद्धार्थ गोरखपुरी
डबूले वाली चाय
डबूले वाली चाय
Shyam Sundar Subramanian
पलटे नहीं थे हमने
पलटे नहीं थे हमने
Dr fauzia Naseem shad
ग़ज़ल
ग़ज़ल
Neelofar Khan
రామయ్య రామయ్య
రామయ్య రామయ్య
डॉ गुंडाल विजय कुमार 'विजय'
मान देने से मान मिले, अपमान से मिले अपमान।
मान देने से मान मिले, अपमान से मिले अपमान।
पूर्वार्थ
Loading...