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8 May 2022 · 1 min read

हक्का बक्का

जिंदगी की दौड़ में,
तजुर्बा कच्चा ही रह गया।
हम सीख ना पाए फरेब,
दिल बच्चा ही रह गया।

किया खूब भरोसा मैनें,
गैरों के प्यार पर।
अपने से हार कर तो,
हक्का बक्का ही रह गया।

खाली हाथ भेजा उसने,
खाली हाथ बुलाया।
आज तक उसका हिसाब
सच्चा था सच्चा रह ही गया।

न मांगे कोई देवी बकरा,
न खुदा ने मुर्गा खाया।
पाखण्डियों से धर्म,
कहाँ अच्छा ही रह गया?

Language: Hindi
273 Views
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