Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
31 Oct 2023 · 1 min read

23/104.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*

23/104.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
🌷 कोनो हाँसे कोनो रोये🌷
22 22 22 22
कोनो हाँसे कोनो रोये।
बीज मया के कोनो बोये ।।
लहकत साख झरोखा संगी।
जागत जागत मनखे सोये ।।
नाम कमावत काम सुघ्घर हे ।
सपना देखय अपना होये ।।
सबके हरदम दुख दूर करय ।
काला पाये काला खोये ।।
चारे दिन बस रहना खेदू।
मनके पापी सबला धोये ।।
……..✍डॉ .खेदू भारती”सत्येश”
31-10-2023मंगलवार

130 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
वर्तमान, अतीत, भविष्य...!!!!
वर्तमान, अतीत, भविष्य...!!!!
Jyoti Khari
उठे ली सात बजे अईठे ली ढेर
उठे ली सात बजे अईठे ली ढेर
नूरफातिमा खातून नूरी
पुस्तक तो पुस्तक रहा, पाठक हुए महान।
पुस्तक तो पुस्तक रहा, पाठक हुए महान।
Manoj Mahato
मंत्र: सिद्ध गंधर्व यक्षाधैसुरैरमरैरपि। सेव्यमाना सदा भूयात्
मंत्र: सिद्ध गंधर्व यक्षाधैसुरैरमरैरपि। सेव्यमाना सदा भूयात्
Harminder Kaur
काली हवा ( ये दिल्ली है मेरे यार...)
काली हवा ( ये दिल्ली है मेरे यार...)
Manju Singh
हम इतने सभ्य है कि मत पूछो
हम इतने सभ्य है कि मत पूछो
ruby kumari
आया बसंत
आया बसंत
Seema gupta,Alwar
"लिख और दिख"
Dr. Kishan tandon kranti
युवा दिवस
युवा दिवस
Tushar Jagawat
मातु भवानी
मातु भवानी
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
सृजन तेरी कवितायें
सृजन तेरी कवितायें
Satish Srijan
हममें आ जायेंगी बंदिशे
हममें आ जायेंगी बंदिशे
Pratibha Pandey
कहानी इश्क़ की
कहानी इश्क़ की
सुरेन्द्र शर्मा 'शिव'
मोहब्बत
मोहब्बत
डॉ०छोटेलाल सिंह 'मनमीत'
हुनरमंद लोग तिरस्कृत क्यों
हुनरमंद लोग तिरस्कृत क्यों
Mahender Singh
माँ
माँ
shambhavi Mishra
शोषण
शोषण
साहिल
आदमी बेकार होता जा रहा है
आदमी बेकार होता जा रहा है
हरवंश हृदय
#ग़ज़ल
#ग़ज़ल
*Author प्रणय प्रभात*
सुनो . . जाना
सुनो . . जाना
shabina. Naaz
*घूॅंघट में द्विगुणित हुआ, नारी का मधु रूप (कुंडलिया)*
*घूॅंघट में द्विगुणित हुआ, नारी का मधु रूप (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
कुछ तो उन्होंने भी कहा होगा
कुछ तो उन्होंने भी कहा होगा
पूर्वार्थ
देखी नहीं है कोई तुम सी, मैंने अभी तक
देखी नहीं है कोई तुम सी, मैंने अभी तक
gurudeenverma198
अमूक दोस्त ।
अमूक दोस्त ।
SATPAL CHAUHAN
नन्हीं बाल-कविताएँ
नन्हीं बाल-कविताएँ
Kanchan Khanna
भौतिक युग की सम्पदा,
भौतिक युग की सम्पदा,
sushil sarna
मुझको मिट्टी
मुझको मिट्टी
Dr fauzia Naseem shad
जल से सीखें
जल से सीखें
Saraswati Bajpai
रमेशराज के शृंगाररस के दोहे
रमेशराज के शृंगाररस के दोहे
कवि रमेशराज
इस कदर आज के ज़माने में बढ़ गई है ये महगाई।
इस कदर आज के ज़माने में बढ़ गई है ये महगाई।
शेखर सिंह
Loading...