*हँसो जिंदगी में मुस्काओ, अच्छा लगता है 【हिंदी गजल/गीतिका 】*
हँसो जिंदगी में मुस्काओ, अच्छा लगता है 【हिंदी गजल/गीतिका 】
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(1)
हँसो जिंदगी में मुस्काओ ,अच्छा लगता है
आओ कोई गीत सुनाओ ,अच्छा लगता है
(2)
कभी मौन-व्रत को अपनाओ ,अच्छा लगता है
कभी बात करते ही जाओ ,अच्छा लगता है
(3)
बच्चों को तो समझाया ,बारिश में मत भीगो
खुद बारिश में मगर नहाओ ,अच्छा लगता है
(4)
यह उदास-से लोग ढूँढ़ने ईश्वर को निकले
इन पर तरस जरा-सा खाओ ,अच्छा लगता है
(5)
रटे-रटाए प्रवचन हैं ,बोझिल हुई क्रियाएँ
इनको कुछ नूतन सिखलाओ ,अच्छा लगता है
(6)
इतने चुप हम अगर रहे ,कैसे काम चलेगा
कमियाँ आपस में बतलाओ ,अच्छा लगता है
(7)
कब आवाज सुनी उसकी ,शक्ल कहाँ देखी है
चर्चा उसकी मगर चलाओ ,अच्छा लगता है
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रचयिता : रवि प्रकाश ,बाजार सर्राफा
रामपुर (उत्तर प्रदेश)
मोबाइल 99976 15451