“हँसता हुआ धुआँ”
“हँसता हुआ धुआँ”
कभी आँखों को कसकाता
कभी जी को मिचलाता
कभी नजरें चुराता
कभी नजरों से बचाता
कभी खोदता मौत का कुआँ
वो हँसता हुआ धुआँ।
“हँसता हुआ धुआँ”
कभी आँखों को कसकाता
कभी जी को मिचलाता
कभी नजरें चुराता
कभी नजरों से बचाता
कभी खोदता मौत का कुआँ
वो हँसता हुआ धुआँ।