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Dr. Kishan tandon kranti
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1 May 2024 · 1 min read
“स्वार्थ”
“स्वार्थ”
जब से होने लगे नीलाम
कुछ न रहा आम,
रोज-रोज अब बढ़ रहे
पानी के भी दाम।
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