स्वागत है नव वर्ष तुम्हारा
स्वागत है नव वर्ष तुम्हारा”
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स्वागत है नव वर्ष तुम्हारा
मंगल-बेला है अति प्यारा।
नव-किरण है नव प्रभात
नव-दिवस की है शुरुवात।
रवि की दमकी है कांतियाँ
फैल रही है स्वर्ण-रश्मियाँ।
स्वागत करने को है मगन
खग-वृन्द बंदी ये जन-जन।
चहुँ-दिसि है प्रसन्नता छाई
कण-कण में है रंगत आई।
बागों में है फूल खिल आई
कलियाँ भी देखो मुस्काई।
नव वर्ष देखो अब आया है
नई आशा मन मे समाया है।
नई संकल्पों का संचार करें
नई उम्मीदों पर ऐतबार करें।
नव वर्ष में कुछ नया करेंगे
मन मे हम प्रीत के रंग भरेंगे।
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स्वरचित,रचनाकार-
अशोक पटेल”आशु”
व्याख्याता-हिंदी
तुस्मा,शिवरीनारायण(छ ग)
9827874578