Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
8 May 2024 · 1 min read

तुम प्रेम सदा सबसे करना ।

तुम प्रेम सदा सबसे करना ।
मत द्वेष कभी मन में रखना।

हम तो प्रभु के प्रिय बालक हैं।
प्रभु ही सब के प्रति पालक हैं।
सब में भगवान सदा तकना।
तुम प्रेम सदा सबसे करना ।

सब के हित में तुम बात करो।
नव दीप जला कर प्रात करो।
नित भाव यही मन में धरना।
तुम प्रेम सदा सबसे करना ।

हर हालत में सुख से रहना।
कटु बात नहीं मुख से कहना।
जग में सबसे मिल के रहना।
तुम प्रेम सदा सबसे करना।

जग में सब भ्रात सखा- सम है।
मत भूल यहाँ इनसे दम है।
तुम आपस में न कभी लड़ना।
तुम प्रेम सदा सबसे करना।
– लक्ष्मी सिंह

Language: Hindi
21 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from लक्ष्मी सिंह
View all
You may also like:
ग़ज़ल (गुलों से ले आना महक तुम चुरा कर
ग़ज़ल (गुलों से ले आना महक तुम चुरा कर
डॉक्टर रागिनी
ख़बर है आपकी ‘प्रीतम’ मुहब्बत है उसे तुमसे
ख़बर है आपकी ‘प्रीतम’ मुहब्बत है उसे तुमसे
आर.एस. 'प्रीतम'
"कुछ रास्ते"
Dr. Kishan tandon kranti
दशावतार
दशावतार
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
बार बार बोला गया झूठ भी बाद में सच का परिधान पहन कर सच नजर आ
बार बार बोला गया झूठ भी बाद में सच का परिधान पहन कर सच नजर आ
Babli Jha
कहू किया आइ रूसल छी ,  कोनो कि बात भ गेल की ?
कहू किया आइ रूसल छी , कोनो कि बात भ गेल की ?
DrLakshman Jha Parimal
विचार
विचार
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
हमेशा अच्छे लोगों के संगत में रहा करो क्योंकि सुनार का कचरा
हमेशा अच्छे लोगों के संगत में रहा करो क्योंकि सुनार का कचरा
Ranjeet kumar patre
गवर्नमेंट जॉब में ऐसा क्या होता हैं!
गवर्नमेंट जॉब में ऐसा क्या होता हैं!
शेखर सिंह
......मंजिल का रास्ता....
......मंजिल का रास्ता....
Naushaba Suriya
2845.*पूर्णिका*
2845.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
कुछ पल साथ में आओ हम तुम बिता लें
कुछ पल साथ में आओ हम तुम बिता लें
Pramila sultan
"क्या लिखूं क्या लिखूं"
Yogendra Chaturwedi
जब तुम मिलीं - एक दोस्त से सालों बाद मुलाकात होने पर ।
जब तुम मिलीं - एक दोस्त से सालों बाद मुलाकात होने पर ।
Dhriti Mishra
जब कोई बात समझ में ना आए तो वक्त हालात पर ही छोड़ दो ,कुछ सम
जब कोई बात समझ में ना आए तो वक्त हालात पर ही छोड़ दो ,कुछ सम
Shashi kala vyas
अनोखा दौर
अनोखा दौर
विनोद वर्मा ‘दुर्गेश’
फ़ासले
फ़ासले
Dr fauzia Naseem shad
बावन यही हैं वर्ण हमारे
बावन यही हैं वर्ण हमारे
Jatashankar Prajapati
सूरज ढल रहा हैं।
सूरज ढल रहा हैं।
Neeraj Agarwal
है कौन वो राजकुमार!
है कौन वो राजकुमार!
Shilpi Singh
*मधुमास में मृदु हास ही से, सब सुवासित जग करें (गीत)*
*मधुमास में मृदु हास ही से, सब सुवासित जग करें (गीत)*
Ravi Prakash
द्रोपदी का चीरहरण करने पर भी निर्वस्त्र नहीं हुई, परंतु पूरे
द्रोपदी का चीरहरण करने पर भी निर्वस्त्र नहीं हुई, परंतु पूरे
Sanjay ' शून्य'
वसुधा में होगी जब हरियाली।
वसुधा में होगी जब हरियाली।
ओम प्रकाश श्रीवास्तव
टॉम एंड जेरी
टॉम एंड जेरी
Vedha Singh
“See, growth isn’t this comfortable, miraculous thing. It ca
“See, growth isn’t this comfortable, miraculous thing. It ca
पूर्वार्थ
"शेष पृष्ठा
Paramita Sarangi
दोहा त्रयी. . .
दोहा त्रयी. . .
sushil sarna
खींचो यश की लम्बी रेख।
खींचो यश की लम्बी रेख।
Pt. Brajesh Kumar Nayak
नज़र मिला के क्या नजरें झुका लिया तूने।
नज़र मिला के क्या नजरें झुका लिया तूने।
Prabhu Nath Chaturvedi "कश्यप"
सुकुमारी जो है जनकदुलारी है
सुकुमारी जो है जनकदुलारी है
सुशील मिश्रा ' क्षितिज राज '
Loading...