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16 May 2024 · 1 min read

ग़ज़ल (गुलों से ले आना महक तुम चुरा कर

गुलों से ले आना महक तुम चुराकर
————

रखा हमने है एक दीपक जलाकर
हवाओ से कह दो कोई आज जा कर

सुनो अब चमन है तुम्हारे हवाले,
हिफाज़त से रखना इसे तुम बचा कर

खुशी हमको होगी जो महकी गली हो
गुलो से ले आना महक तुम चुराकर

लुटाने को खुशियां ये जीवन मिला है
मुहब्बत से बांटों न रखना बचा कर

लिखी दिल पे हमने जो गज़ले गुलाबी
सुनाओ उन्हें तुम ज़रा गुनगुनाकर

डॉक्टर रागिनी शर्मा
इंदौर

4 Likes · 73 Views
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