*सौ साल दुनिया में बिताना, एक टेढ़ी खीर है(हिंदी गजल/ गीतिका)*
सौ साल दुनिया में बिताना, एक टेढ़ी खीर है(हिंदी गजल/ गीतिका)
_________________________
1
सौ साल दुनिया में बिताना, एक टेढ़ी खीर है
दुनियादारी को निभाना एक टेढ़ी खीर है
2
रिश्वतों के आज भी मुझको कई ऑफर मिले
ईमानदारी से कमाना, एक टेढ़ी खीर है
3
खुल गए शोरूम जब से, हर तरफ बाजार में
छोटी दुकानों को चलाना, एक टेढ़ी खीर है
4
भाग्य से पुरखों का हमको घर विरासत में मिला
वरना अपना घर बनाना एक टेढी़ खीर है
5
शादियों के जश्न हमने किस वजह से कम किए
रिश्तेदारों को बताना एक टेढ़ी खीर है
6
होटलों में दाम महॅंगे हो गए,पर – प्लेट” के
सबको दावत में बुलाना एक टेढ़ी खीर है
7
ध्यान की दौलत हमें, दे दी गुरू महाराज ने
वरना खुद से इसको पाना एक टेढ़ी खीर है
—————————————
रचयिताः रवि प्रकाश
बाजार सर्राफा, रामपुर (उ.प्र.) मोबाइल 9997615451