सोशल मीडिया और रिश्ते
Hey…!!
Listen my dear…!!
आज कल हम सब कहीं ना कहीं social media से जुड़े हैं जैसे कि Facebook, Instagram, Twitter ,snap , telegram etc. वहां हमारी friend list में काफी लोग हैं कुछ रिश्तेदार,दोस्त, परिचित, और इन सबके अलावा कुछ अपरिचित लोग भी शामिल होते हैं…!
इन अपरिचित लोगों को हम उनकी post, comments और dp के acording ही judge करते हैं , इनमें कोई एक शख्स ऐसा होता है जिससे हम attract हो जाते हैं या फिर वो हमसे attract हो जाता है, इस attechment की कोई वजह या जरूरत नहीं होती है, ये तो बस हो जाता है खुद ब खुद यूं ही..!
I think ये attechment सबको हो जाती है
किसी के गुड मॉर्निंग के मैसेज से किसी के सिर्फ यह पूछने से.. क्या तुम ठीक हो.. ?
वगैरह वगैरह..
फिर रोज़ बातें होने लगती है, सुख दुःख बांटे जाते हैं, भूख, प्यास, सेहत, तबीयत तंदुरुस्ती वगैरा की फिक्र होने लगती है…!
शुरू शुरू में बहुत अच्छा feel होता है , बड़ा मज़ा आता है, दिन में जागते ख़्वाब दिखते हैं, कुछ अलग ही सुरुद व सुरूर होता है. पलपल चेहरे पर मुस्कुराहट बिखरती है…!
और…… फिर……
कुछ दिनों बाद आहिस्ता आहिस्ता शौक , दिलचस्पी कम पड़ जाते हैं….
गिले शिकवे बढ़ जाते हैं. बात की जगह लड़ाइयां और इल्ज़ाम शुरू हो जाते हैं…!
यह पूछने का कि तुम ऑफलाइन क्यों थी? तुम ठीक हो या नहीं हो..?
फिक्र और care करना कम हो जाता है , वक्त आगे बढ़ता है तो लोग भी बढ़ जाते हैं. व पहले से ज्यादा meture हो जाते हैं. संपर्क घटा देते हैं…!
फिर एक दिन उस इंसान की conversation भी आपकी चैट लिस्ट खारिज हो जाती है..!
You know resion पता है क्या है..?
ऐसी situation क्यों होती है..?
क्योंकि आप एक दूसरे को कम वक्त में बहुत ज्यादा और deeply जान लेते हैं. खाने-पीने पहनने घूमने का शौक, सोने जागने की रूटीन से लेकर जिंदगी के दुख दर्द सब कुछ. Each and Everything…
पता है क्या करना चाहिए..?
जब कोई हाथ पकड़ाए तो सिर्फ हाथ पकड़ा करें, पूरा बाज़ू ना खींचा करें..।
कोई लाख कहे कि आप हमें अच्छे लगते हैं अच्छे से शुक्रिया कह कर बात खत्म कर दे, उसकी बात का दिल पर असर मत लिया करें..!
लोग आपसे नहीं , उस Curiosity से प्रभावित हो जाते हैं. जो उन्हें आपको खोजने का होता है, वह आप में तब तक दिलचस्पी लेते हैं जब तक वह आपको ठीक से जान नहीं लेते..!
So friends इसलिए आप खुद को किसी पर भी जाहिर मत करें। राज़ बनकर रहे, जब तक राज़ बनकर रहेंगे.तब तक अहम रहेंगे..!
जैसे ही लोग आपको पूरी तरह से जान लेंगे, वह आपकी कीमत घटा देंगे, आपकी क़द्र करना छोड़ देंगे..!
और किसी नई चीज़ की खोज में निकल जाएंगे , यही कड़वा सच है और यहीं आजकल की आम मोहब्बत का हाल है , जो हम लोग कुबूल नहीं कर पाते…!
ये long distance relationship सच में बहुत तकलीफ़ देह होती है…!