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30 Dec 2024 · 1 min read

*जाते जग से श्रेष्ठ जन, सौ-सौ उन्हें प्रणाम (कुंडलिया)*

जाते जग से श्रेष्ठ जन, सौ-सौ उन्हें प्रणाम (कुंडलिया)
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जाते जग से श्रेष्ठ जन, सौ-सौ उन्हें प्रणाम
याद रखेगा यह जगत्, उनके अद्भुत काम
उनके अद्भुत काम, कला अपनी दिखलाई
प्रतिभा का उत्कर्ष, सृजन की क्षमता पाई
कहते रवि कविराय, भूल कब उनको पाते
जो समाज-परिवार, देश को देकर जाते

रचयिता: रवि प्रकाश
बाजार सर्राफा (निकट मिस्टन गंज), रामपुर, उत्तर प्रदेश
मोबाइल 9997615451

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