सोन चिरैया
सोन चिरैया
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विश्व पुरोगम पूज्य तिरंगा चाँद पर जब लहराया ,
विहस उठा आनन अंबर का धरती मुस्कुराई ,
युग-युग से बिछड़े भाई – बहन को भारत ने मिलवाया है।
भारतवासी का मस्तक ऊँचा, चंद्र भाल पर लाल चमकता चंदन तिलक हमारा है ।
विश्व गुरु सोने की चिड़िया भारत देश हमारा !
चांद के उस अंधेरे ध्रुव पर विराजमान चन्द्रयान,
सोंच न पाया जो अब तक कोई उस सिरे पर अमिट निशान, अशोक अस्तम्भ हमारा है ।
खेले अब तक कई खेल चकोरे तीर कहीं कहीं साध निशाना,
इतराये मन ही मन खूब,साँप मरा लाठी भी न टूटी।
भले झुके हों नयन कभी चंद पिपासु नेताओं की चाल से लेकिन शीश झुका नहीं वह भारत देश हमारा है ।
शाहनशीलता से कर विकास; जला- तपा तप कर निखरा प्रपंचियों का कर विनाश,
अपने शौर्य साहस से देखो कैसे एक तीर से कई शिकार आज घायल कर डाला है ?
हर खँजरधारी सीने पर निशां भाला हमारा है ।
जी-20 का सफल आयोजन यूँ परचम लहराया
एक है धरती एक परिवार पुरोधा भारत सर्वमान्य ,
ना शीशे की न हीरे की तप-तप कर निखरा कुंदन
सिद्ध भाल पर चमक रहा मेहनत का फल हमारा है ।
मध्य पूर्व यूरोप से नाता रिपु मुख पर ज़ोरदार तमाचा,
व्यापारिक समझौता पहली जीत हमारी।
झेलम, चिनाव, रावी, व्यास पवित्र सतलुज
गंगा-जमुनी तहज़ीब में लाना, खंड-खंड भारत अखंड अभी तो लक्ष्य हमारा है ।
जय हिन्द 🇮🇳
जय भारत 🌹
मुक्ता रश्मि
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