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23 Nov 2023 · 1 min read

“सोचता हूँ”

पता नहीं
यहाँ पर कैसे-कैसे
लोग रहते हैं,
सही को सही
और गलत को गलत
कहने की हिम्मत
क्यों नहीं करते हैं?

डॉ. किशन टण्डन क्रान्ति
साहित्य वाचस्पति

Language: Hindi
16 Likes · 8 Comments · 165 Views
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