Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
20 May 2024 · 1 min read

ज़िंदगी गुलज़ार कर जाती हैं

ज़िंदगी गुलज़ार कर जाती हैं

तारे सितारे जुगनू
चिराग और मुस्कुराहटें
अंधेरो से लङने को
उजालो का यह सफर
जारी रहता है
सूरज के ढलने पर
जो जल उठती हैं
न जाने कितनी लाइट्स
अंधेरो के खिलाफ
जादू सा जगाती हैं
उनका यह तेवर
भाता है मुझे
मेरे मन के मौसम में
उजालो को शामिल कर
ज़िंदगी गुलज़ार कर जाती हैं

Language: Hindi
22 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
नई रीत विदाई की
नई रीत विदाई की
विजय कुमार अग्रवाल
यादों के तटबंध ( समीक्षा)
यादों के तटबंध ( समीक्षा)
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
कबूतर इस जमाने में कहां अब पाले जाते हैं
कबूतर इस जमाने में कहां अब पाले जाते हैं
अरशद रसूल बदायूंनी
*लिखते खुद हरगिज नहीं, देते अपना नाम (हास्य कुंडलिया)*
*लिखते खुद हरगिज नहीं, देते अपना नाम (हास्य कुंडलिया)*
Ravi Prakash
" हवाएं तेज़ चलीं , और घर गिरा के थमी ,
Neelofar Khan
2704.*पूर्णिका*
2704.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
यह अपना रिश्ता कभी होगा नहीं
यह अपना रिश्ता कभी होगा नहीं
gurudeenverma198
दस्तरखान बिछा दो यादों का जानां
दस्तरखान बिछा दो यादों का जानां
Shweta Soni
दिल की बात
दिल की बात
Bodhisatva kastooriya
न जाने क्यों अक्सर चमकीले रैपर्स सी हुआ करती है ज़िन्दगी, मोइ
न जाने क्यों अक्सर चमकीले रैपर्स सी हुआ करती है ज़िन्दगी, मोइ
पूर्वार्थ
कुछ नही मिलता आसानी से,
कुछ नही मिलता आसानी से,
manjula chauhan
हैवानियत के पाँव नहीं होते!
हैवानियत के पाँव नहीं होते!
Atul "Krishn"
■ अधकचरों की भीड़ के बीच उपजता है अर्द्धसत्य।
■ अधकचरों की भीड़ के बीच उपजता है अर्द्धसत्य।
*प्रणय प्रभात*
मां शारदे कृपा बरसाओ
मां शारदे कृपा बरसाओ
ओम प्रकाश श्रीवास्तव
सीता के बूंदे
सीता के बूंदे
Shashi Mahajan
पूछा किसी ने  इश्क में हासिल है क्या
पूछा किसी ने इश्क में हासिल है क्या
sushil sarna
🌸प्रकृति 🌸
🌸प्रकृति 🌸
Mahima shukla
साल भर पहले
साल भर पहले
ruby kumari
हम सृजन के पथ चलेंगे
हम सृजन के पथ चलेंगे
Mohan Pandey
लर्जिश बड़ी है जुबान -ए -मोहब्बत में अब तो
लर्जिश बड़ी है जुबान -ए -मोहब्बत में अब तो
सिद्धार्थ गोरखपुरी
हमसे तुम वजनदार हो तो क्या हुआ,
हमसे तुम वजनदार हो तो क्या हुआ,
Umender kumar
ना हो अपनी धरती बेवा।
ना हो अपनी धरती बेवा।
Ashok Sharma
प्रयास सदैव उचित और पूर्ण हो,
प्रयास सदैव उचित और पूर्ण हो,
Buddha Prakash
आराधना
आराधना
Kanchan Khanna
🙏 गुरु चरणों की धूल 🙏
🙏 गुरु चरणों की धूल 🙏
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी झाँसी
सौन्दर्य के मक़बूल, इश्क़! तुम क्या जानो प्रिय ?
सौन्दर्य के मक़बूल, इश्क़! तुम क्या जानो प्रिय ?
Varun Singh Gautam
नेपाल के लुंबनी में सफलतापूर्ण समापन हुआ सार्क समिट एवं गौरव पुरुस्कार समारोह
नेपाल के लुंबनी में सफलतापूर्ण समापन हुआ सार्क समिट एवं गौरव पुरुस्कार समारोह
The News of Global Nation
"पालतू"
Dr. Kishan tandon kranti
व्यक्ति महिला को सब कुछ देने को तैयार है
व्यक्ति महिला को सब कुछ देने को तैयार है
शेखर सिंह
रुख के दुख
रुख के दुख
Santosh kumar Miri
Loading...