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3 Feb 2024 · 1 min read

दिल की बात

किसी और से न कहना कभी दिल की बात!
हँसेगा,खिलखिलाएगा न समझेगा तेरे ज़ज्बात!!
है यही दस्तूर .इस बेरहम ज़माने का ज़नाब!
अपने गम रोते, औरो पर हँसते है हर हालात!!
इसीलिए लोगो ने उठक-बैठक तलक छोड दी,
आपको नही लगता ,कि बदल रहे है ज़ज्बात?
बाद मौत के,मातम पुरसी इक तमाशा हो गया,
मैने देखा है मैय्यत पर भी,ठहाको की बरसात!!
हद हो गई तब इक दोस्त ने सिगरेट सुलगाई,
श्मशान भी हुआ होगा शर्मिन्दा,इन्सानी हालात!!

बोधिसत्व कस्तूरिया एडवोकेट,कवि ,पत्रकार
202 नीरव निकुजं फेस-2सिकंदरा,आगरा-282007
मो:9412443093

Language: Hindi
87 Views
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