Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
14 Nov 2024 · 1 min read

” सैलाब “

” सैलाब ”

गम के दरिया में दिखती नहीं कोई कश्ती,
आया एक सैलाब तो छोड़ा साथ किनारों ने।

12 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Dr. Kishan tandon kranti
View all
You may also like:
*तुम न आये*
*तुम न आये*
Kavita Chouhan
अब इश्क़ की हर रात सुहानी होगी ।
अब इश्क़ की हर रात सुहानी होगी ।
Phool gufran
मित्र होना चाहिए
मित्र होना चाहिए
हिमांशु बडोनी (दयानिधि)
करोगे रूह से जो काम दिल रुस्तम बना दोगे
करोगे रूह से जो काम दिल रुस्तम बना दोगे
आर.एस. 'प्रीतम'
*आजादी का मतलब सीखो, मतलब इसका जिम्मेदारी (राधेश्यामी छंद)*
*आजादी का मतलब सीखो, मतलब इसका जिम्मेदारी (राधेश्यामी छंद)*
Ravi Prakash
*कन्या पूजन*
*कन्या पूजन*
Shashi kala vyas
अस्तित्व की ओट?🧤☂️
अस्तित्व की ओट?🧤☂️
डॉ० रोहित कौशिक
तुम आ जाते तो उम्मीद थी
तुम आ जाते तो उम्मीद थी
VINOD CHAUHAN
ऐसा क्यूं है??
ऐसा क्यूं है??
Kanchan Alok Malu
शीर्षक- तुम बनाओ अपनी बस्ती, हमसे दूर
शीर्षक- तुम बनाओ अपनी बस्ती, हमसे दूर
gurudeenverma198
इच्छाओं को  अपने मार नहीं।
इच्छाओं को अपने मार नहीं।
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
হনুমানের গান (হনুমানকে নিয়ে লেখা গান)
হনুমানের গান (হনুমানকে নিয়ে লেখা গান)
Arghyadeep Chakraborty
संवेदनाओं का भव्य संसार
संवेदनाओं का भव्य संसार
Ritu Asooja
दोहा त्रयी. . . . शीत
दोहा त्रयी. . . . शीत
sushil sarna
*नयन  में नजर  आती हया है*
*नयन में नजर आती हया है*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
"शरीर सुंदर हो या ना हो पर
Ranjeet kumar patre
जब बात नई ज़िंदगी की करते हैं,
जब बात नई ज़िंदगी की करते हैं,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
होश खो देते जो जवानी में
होश खो देते जो जवानी में
Dr Archana Gupta
हिन्दुस्तान जहाँ से अच्छा है
हिन्दुस्तान जहाँ से अच्छा है
Dinesh Kumar Gangwar
आत्मघात क्यों?
आत्मघात क्यों?
*प्रणय*
गुलाब दिवस ( रोज डे )🌹
गुलाब दिवस ( रोज डे )🌹
Surya Barman
सरस्वती वंदना
सरस्वती वंदना
Neeraj Mishra " नीर "
मैंने जिसे लिखा था बड़ा देखभाल के
मैंने जिसे लिखा था बड़ा देखभाल के
Shweta Soni
पास फिर भी
पास फिर भी
Dr fauzia Naseem shad
एक ही नारा एक ही काम,
एक ही नारा एक ही काम,
शेखर सिंह
सपनों का सफर
सपनों का सफर
पूर्वार्थ
चाहत थी कभी आसमान छूने की
चाहत थी कभी आसमान छूने की
Chitra Bisht
जब प्रेम की अनुभूति होने लगे तब आप समझ जाना की आप सफलता के त
जब प्रेम की अनुभूति होने लगे तब आप समझ जाना की आप सफलता के त
Ravikesh Jha
4813.*पूर्णिका*
4813.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
"रचती सुन्दर सृष्टि"
Dr. Kishan tandon kranti
Loading...