सृजन कर्ता है पिता।
सृजन कर्ता है पिता,,,
विघ्न हर्ता है पिता।।
मिलते है जो भी घाव,,,
उनको भरता है पिता।।
पुत्र का पालन हारा है,,,
हर विपत्ति में सहारा है।।
पुत्र कुपुत्र कैसा भी हो,,,
पिता को होता गंवारा है।।
पिता थकान में सुकून है,,,
पिता का ज्ञान जुनून है।।
पिता के स्नेह प्रेम से,,,
कोई पुत्र ना मरहूम है।।
पिता पुत्र में संस्कार है,,,
पिता जीवन का आधार है।।
पुत्र की सफलता ही होती,,,
पिता के गुणों का विस्तार है।।
पिता ब्रह्मा, विष्णु, महेश है,,,
पिता सृष्टि पर ईश्वर का रूप है।।
पुत्र ह्रदय को खुशियों से भर दे,,,
पिता पृथ्वी लोक पर देवदूत है।।
पुत्र होता पिता की जान है,,,
पिता, पुत्र का अभिमान है।।
यदि ना हो पिता जीवन में,,,
तो पुत्र का जीवन वीरान है।।
ताज मोहम्मद
लखनऊ