Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
3 Sep 2023 · 1 min read

“सूखा”

सूखी हुई धरती
निहारती दरारें
झुलसी हुई दूब
वृक्ष की जगह ठूँठ
झरते परिन्दा
मिलते ना जिन्दा
जमीन पर बिछी लाशें
गिद्ध की डरावनी आँखें
प्रकृति के रौद्र रूप
दिखते खूंखार खूब
अदृश्य जल की बून्दें
प्यास से तड़पते मानव
उत्पात मचा रहा सर्वत्र
जैसे कोई महा-दानव।

डॉ. किशन टण्डन क्रान्ति
साहित्य वाचस्पति

Language: Hindi
15 Likes · 7 Comments · 159 Views
Books from Dr. Kishan tandon kranti
View all

You may also like these posts

"मधुमास बसंत"
राकेश चौरसिया
"रुदाली"
Dr. Kishan tandon kranti
फुर्सत के सिवा कुछ नहीं था नौकरी में उस। रुसवाईयां चारों तरफ
फुर्सत के सिवा कुछ नहीं था नौकरी में उस। रुसवाईयां चारों तरफ
Sanjay ' शून्य'
*पुरखों की संपत्ति बेचकर, कब तक जश्न मनाओगे (हिंदी गजल)*
*पुरखों की संपत्ति बेचकर, कब तक जश्न मनाओगे (हिंदी गजल)*
Ravi Prakash
चौपाई छंद गीत
चौपाई छंद गीत
seema sharma
सत्य संकल्प
सत्य संकल्प
Shaily
4760.*पूर्णिका*
4760.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
है भरम कि तेरी दंभलालसा सिंचित करने को चरणो में गिर जाउंगा।
है भरम कि तेरी दंभलालसा सिंचित करने को चरणो में गिर जाउंगा।
शशि "मंजुलाहृदय"
#justareminderdrarunkumarshastri
#justareminderdrarunkumarshastri
DR ARUN KUMAR SHASTRI
#आज_का_संदेश
#आज_का_संदेश
*प्रणय*
सत्य की खोज
सत्य की खोज
Jeewan Singh 'जीवनसवारो'
अधूरा ज्ञान
अधूरा ज्ञान
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
कविता
कविता
Nmita Sharma
महाशिवरात्रि
महाशिवरात्रि
Seema gupta,Alwar
*Move On...*
*Move On...*
Veneeta Narula
Innocent love
Innocent love
Shyam Sundar Subramanian
अशोक वाटिका मे सीता संग हनुमान वार्ता भाषा
अशोक वाटिका मे सीता संग हनुमान वार्ता भाषा
Acharya Rama Nand Mandal
*आसमाँ से धरा तक मिला है चमन*
*आसमाँ से धरा तक मिला है चमन*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
उदास हो गयी धूप ......
उदास हो गयी धूप ......
sushil sarna
आपकी ज़िंदगी यदि लोगों की बातें सुनकर, बुरा मानते हुए गुज़र
आपकी ज़िंदगी यदि लोगों की बातें सुनकर, बुरा मानते हुए गुज़र
Sonam Puneet Dubey
बसंती बहार
बसंती बहार
इंजी. संजय श्रीवास्तव
जिंदगी में पीछे देखोगे तो 'अनुभव' मिलेगा,
जिंदगी में पीछे देखोगे तो 'अनुभव' मिलेगा,
Shubham Pandey (S P)
चाय पीते और पिलाते हैं।
चाय पीते और पिलाते हैं।
Neeraj Agarwal
नहीं चाहता मैं किसी को साथी अपना बनाना
नहीं चाहता मैं किसी को साथी अपना बनाना
gurudeenverma198
मित्र
मित्र
लक्ष्मी वर्मा प्रतीक्षा
वामांगी   सिखाती   गीत।
वामांगी सिखाती गीत।
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
"कष्ट"
नेताम आर सी
सत्य असत्य से हारा नहीं है
सत्य असत्य से हारा नहीं है
Dr fauzia Naseem shad
अनपढ़ बनावे के साज़िश
अनपढ़ बनावे के साज़िश
Shekhar Chandra Mitra
ये दिल उन्हें बद्दुआ कैसे दे दें,
ये दिल उन्हें बद्दुआ कैसे दे दें,
Taj Mohammad
Loading...