सुरक्षा
मामूली हैसियत के उस व्यक्ति ने शस्त्र लाइसेंस के लिए आवेदन किया। आवेदन पत्र में कारण को छोड़कर समस्त प्रविष्टियाँ यथोचित तरीके से की गई थी।
कलेक्टर दफ्तर से उस व्यक्ति को एक पत्र प्राप्त हुआ। पत्र में लेख था कि शस्त्र लाइसेंस के सम्बन्ध में फला तारीख को मध्यान्ह पूर्व 11:30 बजे कलेक्टर जी के समक्ष अनिवार्यतः उपस्थित होवें।
निर्धारित तिथि को आवेदक के उपस्थित होने पर कलेक्टर साहब ने पूछा- आपको शस्त्र लाइसेंस क्यों चाहिए?
आवेदक ने जवाब दिया- हुजूर, मेरे घर में बेटियाँ हैं, और उनकी सुरक्षा अब सरकार के वश की बात नहीं रह गई है।
मेरी प्रकाशित लघुकथा संग्रह :
‘मन की आँखें’ (दलहा भाग- 1) से…।
लघुकथाएँ ‘दलहा, भाग 1 से 7’ में संग्रहित हैं।
डॉ. किशन टण्डन क्रान्ति
साहित्य वाचस्पति
भारत भूषण सम्मान प्राप्त।