“” *सुनीलानंद* “”
“” सुनीलानंद “”
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( 1 ) ” सु “, सुहृदयी प्रेम आनंद से भरा
मुस्कुराए जिसका सदैव शुभानन !
और जो चले बांटते खुशियाँ ही खुशियाँ..,
ऐसा है ‘सुनीलानंद’, का मन आँगन !!
( 2 ) ” नी “, नीति रीति है जिसकी सुस्पष्ट
और जो चले सीधे अपने रास्ते !
रहे सदा जो अपने में बना मस्त….,
वह ‘सुनीलानंद’, रहें यहां पे मुस्कुराते !!
( 3 ) ” ला “, लालच तृष्णा से जो बनाए रखे दूरी
और जो भजे प्रभु हरि स्तुति नित्य !
सदैव बनें रहें जो प्रभु शरणागत…..,
‘सुनीलानंद’, पाएं दर्शन नित दिव्य भव्य !!
( 4 ) ” नं “, नंद आनंद के हैं जो बने पर्याय
और जो चलें बांटते सदा प्रेम आनंद !
ऐसे ‘सुनीलानंद’,का जीवन हर्षाए सुभाए.,
और वह पाएं चलें यहां फिर परमानन्द !!
( 5 ) ” द “, दर्द दुःख में चले जो सदा साथ निभाए
और कभी ना किसी को बीच राह में छोड़े !
ऐसे ‘सुनीलानंद’,का स्वभाव सभी को सुहाए.,
और सभी उनसे फिर नाता बनाएं जोड़ें !!
( 6 ) ” सुनीलानंद “, पे हनुमंत कृपाएं सरसाएं
और बरसें सदा उनपे आशीष दुआएं !
शुभमंगल पावस आया शुभ जन्मदिवस..,
बरस रही सौगातें पूर्ण करती मनोकामनाएं !!
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सुनीलानंद
गुरुवार,
30 मई, 2024
जयपुर,
राजस्थान |