सुकून
उड़ गया जो तेरे गम में ,वो दिन-रात का सुकून है
जो छाया है रहता हम पर, तेरे इश्क का वो जुनून है
मत भूल कि खुशियों की जो बारात आई है तेरे जीवन में
संग दिल सनम ,रंगत-ए -बहार नहीं वो मेरे अरमानों का खून है
?नीलम शर्मा ?
उड़ गया जो तेरे गम में ,वो दिन-रात का सुकून है
जो छाया है रहता हम पर, तेरे इश्क का वो जुनून है
मत भूल कि खुशियों की जो बारात आई है तेरे जीवन में
संग दिल सनम ,रंगत-ए -बहार नहीं वो मेरे अरमानों का खून है
?नीलम शर्मा ?