सायलेंट किलर
भारतीय हिंदू संस्कार में
बेटा होने एक खुशी की थाली बजती थी।
यह परम्परा जनाना थी
कोरोना-प्रकोप पर विज्ञान युग में
थाली बज रही है।
थाली बजाने का संस्कार यह
हिन्दू है, मर्दाना है।
इस आयातित मर्दाना संस्कार को प्रक्षिप्त कर
धर्म से चलती राजसत्ता ने
कोरोना पर ठोंका है।
मगर, अपनी संस्कृति में
अपने जन्म पर थाली बजने से वंचित बेटियाँ भी कोरोना निवारक नव रस्मी थाली पीट गयी हैं।
ऐसे ही फैलता है जहर
नई रस्म रच
और, सहज ही पीते जाते हैं हम जहर!