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14 Jan 2020 · 1 min read

*सरस्वती वंदना*

सिखा दो मुझको माँ वीणा मधुर झनकार हो जाए।
जमीं अंबर में स्वर गूँजे माँ जय जयकार हो जाए।।

ये मन मस्तिष्क प्रकाशित हो विद्या दान दे दो माँ ।
चलूँ सदमार्ग पर मुझको यही वरदान दे दो माँ।
बहा दो ज्ञान की गंगा मेरा उद्धार हो जाए।।
जमीं अंबर में — —————-

भजन पूजन मनन सुमिरन तेराही ध्यान करती हूँ।
सदा साँसों की माला से तेरा गुणगान करती हूँ।
करूँ नित साधना तेरी सहज स्वीकार हो जाए।।
जमीं अंबर में————-

सकल संसार को तजकर शरण तेरी मैं आयी हूँ।
रहे तेरी कृपा सब पर यही फरियाद लायी हूँ।
चरण रख दो जहाँ पर माँ वहीं दरबार हो जाए।।

श्रीमती ज्योति श्रीवास्तव

Language: Hindi
Tag: गीत
1 Like · 4 Comments · 398 Views
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