Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
23 Apr 2024 · 1 min read

“सरल गणित”

“सरल गणित”
वो सरल गणित के चैप्टर ही
परीक्षा की वैतरणी पार करा देते,
स्कूल कॉलेज की कक्षाओं में
दूसरे-तीसरे दर्जे में पास करा देते।

3 Likes · 4 Comments · 113 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Dr. Kishan tandon kranti
View all
You may also like:
कूड़े के ढेर में
कूड़े के ढेर में
Dr fauzia Naseem shad
कल तो निर्मम काल है ,
कल तो निर्मम काल है ,
sushil sarna
आसमाँ मेें तारे, कितने हैं प्यारे
आसमाँ मेें तारे, कितने हैं प्यारे
The_dk_poetry
कामनाओं का चक्र व्यूह
कामनाओं का चक्र व्यूह
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
ना तो कला को सम्मान ,
ना तो कला को सम्मान ,
ओनिका सेतिया 'अनु '
कौन कहता है कि लहजा कुछ नहीं होता...
कौन कहता है कि लहजा कुछ नहीं होता...
कवि दीपक बवेजा
तू ठहर चांद हम आते हैं
तू ठहर चांद हम आते हैं
नंदलाल सिंह 'कांतिपति'
पूछ मत प्रेम की,क्या अजब रीत है ?
पूछ मत प्रेम की,क्या अजब रीत है ?
Ashok deep
एक दिन उसने यूं ही
एक दिन उसने यूं ही
Rachana
*देना सबको चाहिए, अपनी ऑंखें दान (कुंडलिया )*
*देना सबको चाहिए, अपनी ऑंखें दान (कुंडलिया )*
Ravi Prakash
ज़िंदगी के तजुर्बे खा गए बचपन मेरा,
ज़िंदगी के तजुर्बे खा गए बचपन मेरा,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
सिद्धार्थ
सिद्धार्थ "बुद्ध" हुए
ruby kumari
क्या? किसी का भी सगा, कभी हुआ ज़माना है।
क्या? किसी का भी सगा, कभी हुआ ज़माना है।
Neelam Sharma
हिंदी दिवस
हिंदी दिवस
Akash Yadav
एक उम्र बहानों में गुजरी,
एक उम्र बहानों में गुजरी,
पूर्वार्थ
'नव कुंडलिया 'राज' छंद' में रमेशराज के व्यवस्था-विरोध के गीत
'नव कुंडलिया 'राज' छंद' में रमेशराज के व्यवस्था-विरोध के गीत
कवि रमेशराज
3566.💐 *पूर्णिका* 💐
3566.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
गांव
गांव
Shriyansh Gupta
समय के साथ
समय के साथ
Davina Amar Thakral
"शून्य"
Dr. Kishan tandon kranti
कीमती
कीमती
Naushaba Suriya
विचार
विचार
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
जो लोग बलात्कार करते है
जो लोग बलात्कार करते है
ब्रजनंदन कुमार 'विमल'
संवेदना -जीवन का क्रम
संवेदना -जीवन का क्रम
Rekha Drolia
संवेदना(कलम की दुनिया)
संवेदना(कलम की दुनिया)
Dr. Vaishali Verma
बुढ़ापा हूँ मैं
बुढ़ापा हूँ मैं
VINOD CHAUHAN
..
..
*प्रणय*
लफ्ज़ भूल जाते हैं.....
लफ्ज़ भूल जाते हैं.....
हिमांशु Kulshrestha
कागज की कश्ती
कागज की कश्ती
Ritu Asooja
वजह बन
वजह बन
Mahetaru madhukar
Loading...