सरकारी नौकरी
ये नौकरी तू कितना इठलाती है
माना कि तू बहुत जवां और खूबसूरत है।
हजारों लड़के तेरे पीछे घूमते हैं।
पर भाव किसी को तू देती नहीं है।
जवानी भर काम कराती है।
बुढ़ापे में निकाल देती है।
ये नौकरी तू कितना इठलाती है।
कितने लड़के की जवानी
तेरे पीछे गुजर जाती है ।
पर तू है कि लड़कों को
भाव ही नहीं देती है।
कुछ लड़के तो तेरे पीछे बहुत पड़े हैं।
पर तेरे पिताजी दहेज मांग बैठे हैं।
सुशील चौहान
फारबिसगंज अररिया बिहार