— सम्बन्ध के काबिल तो बनो —
रखो मोहोब्बत , रखो प्यार
रखो रिश्ता उस से,
जो इन चीजो के काबिल
नजर तो आये
बेवजह क्यूं बर्बाद करो
अपना वकत इन के लिए
जिस की समझ में
यह सब कभी न आये
क्या फायदा जो सिर्फ और सिर्फ
मतलब के लिए नजर आये
अपना काम निकलते ही वो
फिर कभी नजर ही न आये
ऐसे सम्बन्ध किस काम के
जो फिर एहसान जताए
इंसानियत तो बस उस को कहीये
इंसान कहलाने लायक बन जाए
अजीत कुमार तलवार
मेरठ