Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
5 Mar 2024 · 1 min read

शिक्षा और संस्कार जीवंत जीवन के

शिक्षा और संस्कार जीवंत जीवन के
मूल मंत्र होते हैं।
शिक्षा कभी झुकने नहीं देती एवं संस्कार
कभी गिरने नहीं देते।।
नीलम शर्मा ✍️

42 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
आमंत्रण और निमंत्रण में क्या अन्तर होता है
आमंत्रण और निमंत्रण में क्या अन्तर होता है
शेखर सिंह
जनक देश है महान
जनक देश है महान
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
* किधर वो गया है *
* किधर वो गया है *
surenderpal vaidya
दुर्जन ही होंगे जो देंगे दुर्जन का साथ ,
दुर्जन ही होंगे जो देंगे दुर्जन का साथ ,
ओनिका सेतिया 'अनु '
आज का महाभारत 1
आज का महाभारत 1
Dr. Pradeep Kumar Sharma
दोहे
दोहे
अशोक कुमार ढोरिया
*सुबह हुई तो सबसे पहले, पढ़ते हम अखबार हैं (हिंदी गजल)*
*सुबह हुई तो सबसे पहले, पढ़ते हम अखबार हैं (हिंदी गजल)*
Ravi Prakash
जाने कितने चढ़ गए, फाँसी माँ के लाल ।
जाने कितने चढ़ गए, फाँसी माँ के लाल ।
sushil sarna
खंड 6
खंड 6
Rambali Mishra
2608.पूर्णिका
2608.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
गीतांश....
गीतांश....
Yogini kajol Pathak
ज़िंदगी देती है
ज़िंदगी देती है
Dr fauzia Naseem shad
धर्म और विडम्बना
धर्म और विडम्बना
Mahender Singh
मेरा जीवन,मेरी सांसे सारा तोहफा तेरे नाम। मौसम की रंगीन मिज़ाजी,पछुवा पुरवा तेरे नाम। ❤️
मेरा जीवन,मेरी सांसे सारा तोहफा तेरे नाम। मौसम की रंगीन मिज़ाजी,पछुवा पुरवा तेरे नाम। ❤️
डॉ सगीर अहमद सिद्दीकी Dr SAGHEER AHMAD
Gairo ko sawarne me khuch aise
Gairo ko sawarne me khuch aise
Sakshi Tripathi
सफलता का एक ही राज ईमानदारी, मेहनत और करो प्रयास
सफलता का एक ही राज ईमानदारी, मेहनत और करो प्रयास
Ashish shukla
वक्रतुंडा शुचि शुंदा सुहावना,
वक्रतुंडा शुचि शुंदा सुहावना,
Neelam Sharma
■ कटाक्ष
■ कटाक्ष
*Author प्रणय प्रभात*
मुट्ठी भर आस
मुट्ठी भर आस
Kavita Chouhan
कातिल अदा
कातिल अदा
Bodhisatva kastooriya
"फासला और फैसला"
Dr. Kishan tandon kranti
इश्क़ और इंक़लाब
इश्क़ और इंक़लाब
Shekhar Chandra Mitra
"राज़" ग़ज़ल
Dr. Asha Kumar Rastogi M.D.(Medicine),DTCD
मैं नही चाहती किसी के जैसे बनना
मैं नही चाहती किसी के जैसे बनना
ruby kumari
एक
एक
हिमांशु Kulshrestha
स्त्रीलिंग...एक ख़ूबसूरत एहसास
स्त्रीलिंग...एक ख़ूबसूरत एहसास
Mamta Singh Devaa
आप अच्छे हो उससे ज्यादा,फर्क आप कितने सफल
आप अच्छे हो उससे ज्यादा,फर्क आप कितने सफल
पूर्वार्थ
बावरी
बावरी
पंकज पाण्डेय सावर्ण्य
आलोचना - अधिकार या कर्तव्य ? - शिवकुमार बिलगरामी
आलोचना - अधिकार या कर्तव्य ? - शिवकुमार बिलगरामी
Shivkumar Bilagrami
પૃથ્વી
પૃથ્વી
Otteri Selvakumar
Loading...