“समाहित”
“समाहित”
कविता में समाहित हैं
जीवन के हर रंग,
अच्छाई-बुराई सुख-दुःख
प्रेरणा उल्लास उमंग।
ब्रह्माण्ड में समाहित जैसे
धरती आसमां चाँद सूरज सितारे,
फूल पत्तियाँ दरख़्त
पशु पक्षियाँ दरिया सारे।
“समाहित”
कविता में समाहित हैं
जीवन के हर रंग,
अच्छाई-बुराई सुख-दुःख
प्रेरणा उल्लास उमंग।
ब्रह्माण्ड में समाहित जैसे
धरती आसमां चाँद सूरज सितारे,
फूल पत्तियाँ दरख़्त
पशु पक्षियाँ दरिया सारे।