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2 Jun 2024 · 1 min read

“समाहित”

“समाहित”
कविता में समाहित हैं
जीवन के हर रंग,
अच्छाई-बुराई सुख-दुःख
प्रेरणा उल्लास उमंग।
ब्रह्माण्ड में समाहित जैसे
धरती आसमां चाँद सूरज सितारे,
फूल पत्तियाँ दरख़्त
पशु पक्षियाँ दरिया सारे।

2 Likes · 2 Comments · 29 Views
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